इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल, मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ ने ‘हाउ टू डेवलपमेंट प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट फॉर इनोवेटिव आइडियाज/पिचिंग इवेंट फॉर पीओसी डेवलप्ड एंड लिंकेज विद इनोवेशन एंबेसडर फॉर मेंटरशिप सपोर्ट’ पर एक सत्र का आयोजन किया। प्रा॰ लिमिटेड, माइक्रो रेडिकल 360 डिग्री में प्रबंध निदेशक, अन्वेषक सुश्री शिवांशी वशिष्ठ, इस सूचनात्मक सत्र के लिए प्रमुख वक्ता रहीं। सुश्री वशिष्ठ ने छात्रों को उद्यमिता में करियर के अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बिजनेस प्लान के चार चरणों के बारे में बताया, आइडिया स्टेज, प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप और मैन्युफैक्चरिंग। एसडब्लूओटी (स्ट्रेंथ्स, वीकनेसिस, ओपोरच्युनिटिज़ एंड थ्रेट्स) विश्लेषण के मुख्य सिद्धांत हैं जो आंतरिक और बाहरी कारकों के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं का आकलन करते हैं, इनके बारे में प्रमुख वक्ता ने विस्तार से समझाया । सुश्री वशिष्ठ ने छात्रों को बीआईआरएसी, भारत सरकार और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय निजी एजेंसियों से उपलब्ध प्रोटोटाइप चरण के लिए अनुदान और वित्त के बारे में भी बताया। छात्रों ने सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया और चर्चा के दौरान प्रश्न भी पूछे जिनका विशेषज्ञ द्वारा उत्तर दिया गया ।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति का समर्थन करने वाले पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एमसीएम आईआईसी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र अनिवार्य है।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति का समर्थन करने वाले पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एमसीएम आईआईसी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र अनिवार्य है।

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