चंडीगढ़ 16-जून-21
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन में वनस्पति विज्ञान विभाग और एड-ऑन कोर्स फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केपिंग ने ‘इनसाइट इन ए हर्बेरियम एंड हर्बेरियम मेथडोलॉजी’ पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला के लिए प्रमुख वक्ता डॉ लाल बाबू चौधरी, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और हर्बेरियम के क्यूरेटर और एसीएसआईआर प्लांट डायवर्सिटी, सिस्टमेटिक्स एंड हर्बेरियम डिवीजन, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार) लखनऊ में प्रोफेसर हैं ।डॉ. चौधरी ने अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान में हर्बेरियम और इसकी तैयारी में शामिल तकनीकों का विस्तृत विवरण दिया। छात्रों को हर्बेरियम(वनस्पति संग्रहालय )तैयार करने के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए और पौधों के नमूनों के संग्रह के दौरान आने वाली समस्याओं और उनकी संरक्षण तकनीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में 94 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस आयोजन को सफल बनाया । एक अन्य गतिविधि में, बॉटनी विभाग और एमसीएम इको क्लब ने अमृत महोत्सव के तत्वावधान में ‘वायु शुद्ध करने वाले पौधों का वृक्षारोपण’ की पहल की। यह गतिविधि हमारे आस-पास की हवा को शुद्ध करने में पौधों के महत्व के संदेश को फैलाने के लिए आयोजित की गई थी। विद्यार्थियों ने अपने-अपने स्थानों पर वायु शोधक पौधे लगाए और इस गतिविधि को सफल बनाया।
हर्बेरियम पर कार्यशाला की सराहना करते हुए, प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने युवाओं में टैक्सोनॉमी के इस महत्वपूर्ण पहलू के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पौधरोपण गतिविधि की सराहना करते हुए, डॉ. भार्गव ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों को करने से न केवल हमारे पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि इसमें एक सौंदर्य मूल्य भी जुड़ता है जो बदले में हमें प्रकृति के साथ निकटता स्थापित करने में मदद करता है।
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन में वनस्पति विज्ञान विभाग और एड-ऑन कोर्स फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केपिंग ने ‘इनसाइट इन ए हर्बेरियम एंड हर्बेरियम मेथडोलॉजी’ पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला के लिए प्रमुख वक्ता डॉ लाल बाबू चौधरी, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और हर्बेरियम के क्यूरेटर और एसीएसआईआर प्लांट डायवर्सिटी, सिस्टमेटिक्स एंड हर्बेरियम डिवीजन, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार) लखनऊ में प्रोफेसर हैं ।डॉ. चौधरी ने अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान में हर्बेरियम और इसकी तैयारी में शामिल तकनीकों का विस्तृत विवरण दिया। छात्रों को हर्बेरियम(वनस्पति संग्रहालय )तैयार करने के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए और पौधों के नमूनों के संग्रह के दौरान आने वाली समस्याओं और उनकी संरक्षण तकनीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में 94 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस आयोजन को सफल बनाया । एक अन्य गतिविधि में, बॉटनी विभाग और एमसीएम इको क्लब ने अमृत महोत्सव के तत्वावधान में ‘वायु शुद्ध करने वाले पौधों का वृक्षारोपण’ की पहल की। यह गतिविधि हमारे आस-पास की हवा को शुद्ध करने में पौधों के महत्व के संदेश को फैलाने के लिए आयोजित की गई थी। विद्यार्थियों ने अपने-अपने स्थानों पर वायु शोधक पौधे लगाए और इस गतिविधि को सफल बनाया।
हर्बेरियम पर कार्यशाला की सराहना करते हुए, प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने युवाओं में टैक्सोनॉमी के इस महत्वपूर्ण पहलू के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। पौधरोपण गतिविधि की सराहना करते हुए, डॉ. भार्गव ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों को करने से न केवल हमारे पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि इसमें एक सौंदर्य मूल्य भी जुड़ता है जो बदले में हमें प्रकृति के साथ निकटता स्थापित करने में मदद करता है।

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