‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’’ से जुड़ेगी ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत’’ योजना

दालों, ग्वार, तिलहन और मक्का की बिजाई करने वालों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार
खेती खाली-फिर भी खुशहाली
किसानों की आमदनी बढ़ाने पर सरकार का फोकस

चंडीगढ़, 21 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत’’ योजना को ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’’ से लिंक किया जाएगा ताकि किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ बिना किसी देरी के मिल सके। मुख्यमंत्री आज ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत’’ योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल भी बैठक में मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार जल संरक्षण करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। जो किसान धान की फसल की बजाय अन्य फसल की बिजाई करेगा उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह योजना पिछले वर्ष लागू की गई थी, जिसके तहत धान के स्थान पर मक्का आदि अन्य फसलों (पानी की कम खपत वाली फसलें) की बिजाई करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी गई, जिसके चलते प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों ने 96000 एकड़ में धान की बजाय अन्य फसलों की बिजाई की। पहले वर्ष मिले उत्साहजनक परिणामों के फलस्वरूप हरियाणा सरकार ने इस बार भी किसानों को इस योजना के तहत प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसी योजना की समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को अधिक से अधिक शिक्षित करें ताकि पानी की बचत की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानी, सब्जी, चारा, मूंगफली, मूंग व अन्य दालें, सोयाबीन, ग्वार आदि की बिजाई के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के लाभ के लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एवं मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर प्रति एकड़ फसल की विस्तृत जानकारी डालनी होगी। यह जानकारी अपलोड किये जाने के बाद विभाग द्वारा निर्धारित समय पर वेरीफिकेशन के बाद सम्बंधित या पात्र लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना की प्रोत्साहन राशि से सम्बंधित किसी भी आवेदन के सम्बंध में कोई शिकायत न आए, इसके लिए आवेदक की भरी गई डिटेल की वेरीफिकेशन समय से करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस योजना को सही ढंग से लागू करने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल के साथ लिंक करने के लिए भी निर्देश दिए।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने बताया कि फसल विविधीकरण के तहत किसानों को जागरूक करने के लिए प्रदेश को चार जोनों में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में एक वरिष्ठ अधिकारी की किसानों को जागरूक करने की जिम्मेदारी लगाई गई है।
खेती खाली-फिर भी खुशहाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों की खुशहाली और उनकी आमदनी में बढ़ौतरी करना है। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जाएगी, जो किसान धान की फसल के समय अपने खेतों को खाली रखेंगे।
इस मौके पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एन.एन.प्रसाद और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर के अलावा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।