खान मंत्रालय और अधीनस्थ कार्यालयों ने विशेष अभियान 3.0 के तहत 100 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया

स्क्रैप निपटान से 10.9 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ

समुदाय केंद्रित स्वच्छता पहल को सफलतापूर्वक पूरा किया

विशेष अभियान 3.0 के तहत, 11033 ई-फाइलें अपलोड की गईं

दिल्ली,  01 NOV 2023 

खान मंत्रालय ने अपने संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों, केद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों के साथ, “विशेष अभियान 3.0” को सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जिसका उद्देश्य रिकॉर्ड प्रबंधन को बेहतर करना, एमपी/पीएमओ/आईएमसी संदर्भों और राज्य सरकार से प्राप्त संदर्भों तथा लोक शिकायतों का निपटारा करना तथा स्क्रैप का निपटान करना है। पिछले वर्ष की निरंतरता को बनाए रखते हुए, खान मंत्रालय ने एक बार फिर 100 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति दर हासिल की।

विशेष अभियान 3.0 के तहत, देशभर में विभिन्न स्थानों पर 382 अभियान चलाए गए हैं। समर्पित प्रयासों के माध्यम से, मंत्रालय 89482 वर्ग फुट जगह खाली कराने में कामयाब हुआ, जिसे कर्मचारियों के लाभ के लिए वॉलीबॉल मैदान, बैडमिंटन कोर्ट आदि में बदल दिया गया है। स्क्रैप निपटान से लगभग 10.9 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

इस अभियान के हिस्से के रूप में, मंत्रालय और इसके क्षेत्रीय कार्यालयों ने “प्रकृति को वापस देने” की पर्यावरण-जागरूक थीम को अपनाया। पर्यावरण के प्रति जागरूक इस पहल में, झील की सफाई, कचरे से खाद गड्ढा बनाना, गर्म ओवन से माइक्रोवेव पर स्विच करके ऊर्जा-बचत के उपाय करना, पक्षी फीडर की स्थापना करना, कार्यालय परिसर में हर्बल पौधे लगाना जैसी विभिन्न कार्यप्रणाली शामिल थीं। डिजिटल प्रगति में फ्लेक्स बैनरों को डिजिटल स्क्रीन से बदलना शामिल था। विशेष रूप से, कुछ पहलें समुदाय-केंद्रित थीं, जैसे सरकारी स्कूलों में स्वच्छता किट का वितरण, आदिवासी क्षेत्रों में पौधे लगाना, छात्राओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य/स्वच्छता के बारे में जागरूक करना और आम जनता के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना शामिल थी।

एक विशेष अभियान के रूप में, खान मंत्रालय ने पिछले दो अभियानों के दौरान स्कैन की गई भौतिक फ़ाइलों को परिवर्तित करने का कार्य किया और विशेष अभियान 3.0 के दौरान उन्हें ई-फाइलों में बदल दिया। विशेष अभियान 3.0 के दौरान, अब तक, लगभग 11033 स्कैन की गई फाइलें ई-ऑफिस में ई-फाइल के रूप में अपलोड की जा चुकी हैं।

 

अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, मंत्रालय के तहत, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने क्षेत्र अन्वेषण के दौरान वर्षों से एकत्र किए गए अप्रयुक्त भूवैज्ञानिक नमूनों से एक कलात्मक मूर्तिकला बनाने की एक अभिनव पहल का बीड़ा उठाया है।