दलित बच्चों के हक बचाने की बजाए कैप्टन ने अपने मोहरे धर्मसोत को बचाया – हरपाल सिंह चीमा 

SC Schlorship Scam

-नई वजीफा स्कीम के ऐलान से अपने घोटालों पर पर्दा नहीं डाल सकते कैप्टन
-‘आप’ की सरकार बनने पर न केवल धर्मसोत बल्कि बादलों के राणीके को भी जेल में करेंगे बंद
-घोटाले में हजम किए करोड़ों की राशि हकदार विद्यार्थियों के खाते में डाली जाए -‘आप’

जलंधर, 3 नवंबर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने दलित विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले में शामिल मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को मुख्यमंत्री दरबार का कमाने वाला मोहरा करार देते हुए इस घोटाले के पीछे अमरिन्दर सिंह का सीधा हाथ होने के गंभीर दोष लगाए।
‘आप’ ने कहा कि अमरिन्दर सिंह सरकार नई वजीफा स्कीम के ऐलान के साथ पोस्ट मैट्रिक योजना में अब तक की करोड़ों-अरबों की लूट पर पर्दे नहीं डाल सकते। ‘आप’ ने मांग की है कि धर्मसोत को बर्खास्त करके पूरे वजीफा गिरोह समेत ग्रिफतार किए जाए। यदि कैप्टन ऐसा करने से भागते रहे तो 2022 में ‘आप’ की सरकार बनते ही साधु सिंह धर्मसोत को ग्रिफतार करके उसके ‘आका’ समेत इस घोटाले में शामिल सभी गिरोह को कटघरो में खड़ा किया जाएगा। हरपाल सिंह चीमा मंगलवार यहां पार्टी विधायकों मनजीत सिंह बिलासपुर व मास्टर बलदेव सिंह, राजविंदर कौर और आत्म प्रकाश बबलू के साथ प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन कर रहे थे।
हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि पिछली बादल सरकार के रास्ते पर चलते मौजूदा अमरिन्दर सिंह सरकार ने दलित परिवारों के साथ सम्बन्धित लाखों होनहार बच्चों का भविष्य तबाह कर दिया। दोनों सरकारें (कैप्टन-बादल) की दलित विरोधी मानसिकता और बेहद भ्रष्ट कार्यप्रणाली ने पोस्ट मैट्रिक वजीफा (स्कालरशिप) योजना को ही घोटाले की भेंट चढ़ा दिया, परंतु अब चुनाव से पहले डा. बी.आर. अम्बेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के नाम पर पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना में किए घोटाल्यें पर पर्दा और समूचे दलित समाज की आंखों में धूल झोंका जाने लगा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन की नीयत साफ होती तो इस ऐलान को अगले साल की बजाए अभी लागू करते और लम्बित पड़ी करीब 2000 करोड़ की वजीफा राशि को तुरंत जारी करते जिससे कालेजों की ओर से उनकी रोकी गई डिग्रियां उनको मिल सकती।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जिस जल्दीबाजी तरीके से अमरिन्दर सिंह सरकार ने साधु सिंह धर्मसोत को 64 करोड़ के वजीफा घोटाले में ‘क्लीन चिट्ट’ दी है, उससे साफ है कि गरीबों-दलितों के लाखों होनहार बच्चों के पैसे पर डाका मारे जाने में कैप्टन का सीधा हाथ है। इस लिए कैप्टन हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच से भागा है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘जो मुख्यमंत्री अपने महा भ्रष्ट मंत्री को मोहरा बना कर गरीब बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आई भारी-भरकम राशि को निगल सकता है। उससे बड़ा गुनाह ओर क्या हो सकता है।’’
हरपाल सिंह चीमा ने मांग की है कि कैप्टन और उसकी जुंडली ने जितने भी दलित बच्चों का पैसा वजीफा योजना में हजम किया है, वह तुरंत इन जरूरतमंद बच्चों को वापस किया जाए। यदि कैप्टन सरकार ऐसा नहीं करती तो ‘आप’ की आगामी सरकार इन सभी घोटाले बाजों की जायदादें कुर्क करके दलित विद्यार्थियों के हक देगी। इतना ही नहीं ‘आप’ की सरकार न केवल कैप्टन के कार्यकाल बल्कि पिछली बादल सरकार की ओर से इस वजीफा स्कीम में किए अरबों रुपए के घपलों का भी हिसाब लेगी।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अब धर्मसोत को ग्रिफतार करने की बातें कर रहे हैं, जबकि अपनी सरकार के समय पर तत्कालीन मंत्री गुलजार सिंह राणीके को मोहरा बना कर न केवल दलित विद्यार्थियों के वजीफे बल्कि गरीबों, दलितों और जरूरतमंदों की बच्चियों की शगुन स्कीम भी हजम करते रहे हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि बादलों के राज में वजीफा स्कीम में लगभग 1200 करोड़ रुपए का गोलमाल हुआ था, परंतु कैप्टन ने मिलीभुगत करके बादलों के समय का घोटाला अंदर ही अंदर दबा लिया गया। जिस को ‘आप’ की सरकार बनने पर साल 2012 से लेकर अब तक के सभी घोटालों को खोला जाएगा और धर्मसोत की बजाए राणीके और उसके आकाओं को जेलों में बंद किया जाएगा।