मुख्यमंत्री की नाम बदलने की सनक पंजाबियों को मंहगी पड़ेगी: शिरोमणी अकाली दल

Daljit Singh Cheema
Dr Daljit Singh Cheema
कहा कि केंद्र और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच अहंकार की बेवजह लड़ाई का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ेगा: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा


चंडीगढ़/15फरवरी :- शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नाम बदलने की होड़ पंजाबियों को महंगी पड़ रही है  और केंद्र सरकार और आप पार्टी के बीच अहंकार की बेवजह लड़ाई का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ेगा।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने हेल्थ वेलनेस क्लीनिकों को आम आदमी पार्टी क्लीनिक के रूप में ब्रांड करने के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत पंजाब को दी जाने वाली 546 करोड़ रूपये की अगली किस्त को रोकने के केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य का पूरा स्वास्थ्य क्षेत्र राज्य को एनएचएम के तहत 546 करोड़ रूपये का ग्रांट जारी न किया गया तो राज्य का पूरा स्वास्थ्य क्षेत्र खतरे में पड़ जाएगा।

डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने नाम बदलने की होड़ में नवीनीकरण लागत पर गांवों की डिस्पेंसरियों को आम आदमी क्लीनिक में बदलकर राज्य के स्थापित स्वास्थ्य ढ़ांचे को पहले ही तबाह कर दिया है। उन्होने कहा, ‘‘ प्राथमिक और  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस प्रक्रिया में डाउनग्रेड कर दिया गया है और यहां तक कि आपातकालन सेवाएं प्रदान करने वाले अस्पतालों में काम करने वाले डाॅक्टरों को आप पार्टी की सनक को पूरा करने के लिए आम आदमी क्लीनिक में तबदील कर दिया गया है’’।

अकाली नेता ने कहा कि क्लीनिकों में कर्मचारियों की कोई भती नही की गई , जिसके कारण मौजूद स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है। उन्होने कहा, ‘‘क्लीनिक स्थापित करने के लिए एनएचएम प्रोजेक्टों से एनएचएम स्टाफ पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा , जिनके वेतन भी खतरे में पड़ गए हैं’’।

वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि इस कदम ने केंद्र-राज्य संबंधों को खराब कर दिया है, जो राज्य के लिए बिल्कूल भी अच्छा नही है। उन्होने कहा कि अधिक विकास प्रोजेक्टों के प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि सरकार ने अपनी पंसदीदा प्रोजेक्टों के लिए केंद्रीय धन का उपयोग किया है, जिसका मकसद  लोगों का हित करने के बजाय राज्य की छवि को मजबूत करना है ।

डाॅ. चीमा ने  आप पार्टी की सरकार से अपनी प्राथमिकताओं को सही करने  की अपील करते हुए कहा, ‘‘ प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के बजाय लोगों को सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करने सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना समय की मांग है’’। उन्होने कहा कि सरकार को नौटंकी और प्रचार का सहारा लेना बंद कर राज्य के स्वास्थ्य ढ़ांचे का मजबूत करने जैसे वास्तविक कदम उठाने चाहिए।