लुधियाना, 13 दिसंबर 2024
पिछले पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह में कई गुना (103.17%) की वृद्धि हुई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह निम्नानुसार है: 2019-20 (27,503.86 करोड़ रुपये), 2020-21 (27,926.67 करोड़ रुपये), 2021-22 (33,928.66 करोड़ रुपये), 2022-23 (48,032.40 करोड़ रुपये), 2023-24 (55,882.12 करोड़ रुपये)।
लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में ‘2024 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा की संख्या’ पर प्रश्न पूछा था। उन्होंने 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा की संख्या, टोल संग्रह के माध्यम से उत्पन्न वार्षिक राजस्व और पिछले पांच वर्षों में इसमें कैसे बदलाव आया है, के बारे में पूछा था। उन्होंने पिछले दो वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) प्रणाली का उपयोग करने वाले वाहनों में प्रतिशत वृद्धि और औसत टोल बूथ प्रतीक्षा समय और यातायात भीड़ पर इसके प्रभाव के बारे में भी पूछा था।
अरोड़ा ने आज यहां कहा कि मंत्री ने आगे उत्तर दिया कि अक्टूबर 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 1,015 उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा चालू हैं। सरकार ने 15/16 फरवरी 2021 की मध्यरात्रि से राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा की सभी लेन को “शुल्क प्लाजा की फास्टैग लेन” घोषित किया है, जिससे उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह की समग्र दक्षता में सुधार हुआ है। इसके अलावा, यातायात वृद्धि, उपयोगकर्ता शुल्क दरों में संशोधन, टोल-योग्य नई सड़कों की लंबाई आदि के कारण हर साल उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह में वृद्धि होती है।
इसके अलावा, मंत्री ने उत्तर दिया कि पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) की पहुंच निम्नानुसार है: 2022 (97%), 2023 (98%)। उत्तर में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा एक कंसलटेंट के माध्यम से फास्टैग सिस्टम पर इम्पैक्ट असेसमेंट स्टडी की गई। उपरोक्त अध्ययन के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022 के लिए शुल्क प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय 734 सेकंड से घटाकर 47 सेकंड कर दिया गया है। शुल्क प्लाजा पर भीड़ की निगरानी जीआईएस आधारित टोल भीड़ निगरानी समाधान के माध्यम से की जाती है।

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