कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने विभाग को आय वसूलियों की समीक्षा हर शुक्रवार करने और आय बढ़ाने के लिए हर कदम उठाने के लिए कहा
मुख्यमंत्री की तरफ से आबकारी नीति में स्वीकृत किये गये संशोधनों के कारण सीमित ज़ोनों को छोड़ कर राज्य में शराब के सभी ठेके खुले
चंडीगढ़, 15 मई:
अटकलों के उल्ट पंजाब के आबकारी विभाग को वित्तीय साल 2019 -20 के दौरान कोई घाटा नहीं पड़ा सिवाय कोविड -19 के कारण लगे कफ्र्यू/लॉकडाउन के परिणामस्वरूप हुए वित्तीय नुक्सान के जिसका अभी अनुमान लगाया जाना बाकी है।
यह खुलासा आबकारी विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ नयी आबकारी नीति में हुये संशोधनों की रौशनी में मौजूदा हालातों की समीक्षा और अन्य सम्बन्धित मुद्दों को विचारने के लिए हुई मीटिंग के दौरान किया गया।
आबकारी विभाग की तरफ से समीक्षा मीटिंग में बताया गया कि कोविड की महामारी के कारण लागू किये गए लॉकडाउन /कफ्र्यू के परिणास्वरूप हुए नुकसान के अलावा विभाग को 2019 -20 वित्तीय वर्ष के दौरान कोई वित्तीय घाटा नहीं पड़ा।
मुख्यमंत्री की तरफ से विभाग को निर्देश दिए गए कि ठेके की नीलामी बाबत बाकी रहते कामों को तेज़ी से निपटाया जाये और साथ ही कहा कि आय को बढ़ाने के लिए हर संभव यत्न किये जाएँ। उन्होंने विभाग को लॉकडाउन के कारण पैदा हुए हालातों की ज़मीनी हकीकत का समय पर पता लगाने के लिए हर शुक्रवार वित्तीय वसूलियों को रीव्युू करने के लिए भी कहा।
यह निर्देश कोविड संकट के सम्मुख साल 2020 -21 की आबकारी नीति में मुख्यमंत्री की तरफ से स्वीकृत किये गये प्रमुख संशोधनों पर पैरवी के मकसद से दिए गए हैं जिस कारण जब पंजाब के अंदर सभी अलाट किये ठेके, सिवाय कंटेनमैंट ज़ोनों के बीच वाले ठेकों, खुल चुके हैं। राज्य में 589 ग्रुपों की तरफ से चलाए जा रहे 4404 ठेके खुल गए हैं।
आबकारी विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि चाहे वित्तीय साल 2019 -29 की वसूलियों को अभी अंतिम रूप दिया जाना है परन्तु आंकड़े संकेत देते हैं कि इस साल की आबकारी आय पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा ज़्यादा है।
तथ्य पेश करते हुये विभाग ने बताया कि साल 2017 में कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार बनने के बाद वित्तीय वसूलियों में उल्लेखनीय और रचनात्मक विस्तार हुआ है। वित्तीय साल 2016 -17 में 4405 करोड़ से साल 2017 -18 में राज्य के खजाने को हुई आय बढ़ कर 5135.68 करोड़ हुई है जो कि एक साल में हुआ 16 फीसदी विस्तार है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय साल 2018 -19 में कोटा और कीमतें घटने के साथ-साथ वैट बढऩे जो जी.एस. में कुछ तबदीलियों के साथ 14 प्रतिशत तक बढ़ गया, के कारण आबकारी विभाग की आय में मामूली गिरावट आई। यह घाटा मामूली था और 5073.79 करोड़ रुपए की असली वसूली हुई।
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जहाँ तक वित्तीय वर्ष 2019 -20 का सम्बन्ध है, आबकारी विभाग को हुई आय की संख्या इस समय पर 5015 करोड़ रुपए है। हालाँकि, वित्तीय साल 2019 -20 की आबकारी नीति के मुताबिक आवेदनों की 50 करोड़ रुपए की राशि आबकारी और कर सेवाओं एजेंसी (ई.टी.टी.एस.ए.) को हस्तांतरित कर दी गई। इसके अलावा 125 करोड़ रुपए के वैट को शामिल किया गया और इसको ध्यान में रखते कुल प्राप्तियाँ 5222 करोड़ रुपए होंगी।
अधिकारियों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019 -20 के दौरान 22 मार्च को कफ्र्यू लगने और 23 मार्च को कफ्र्यू /लॉकडाउन के कारण वित्तीय साल 2020 -21 के लिए सभी फ़ीसों (तय लाइसेंस फीस और अन्य निर्धारित लाइसेंस फीस) जो मार्च में जमा करवानी थी, नहीं करवाई जा सकी। इनमें ग्रुप को नवीनीकृत के लिए 278 करोड़ रुपए, नये अलाट किये ग्रुपों से लगभग 68 करोड़ रुपए और अन्य वसूलियों के 120 करोड़ रुपए कफ्र्यू /लॉकडाउन की बन्दिशों के कारण जमा नहीं करवाए जा सके।
विभाग ने बताया कि इस कारण राज्य के खजाने में मार्च, 2020 में 466 करोड़ रुपए हासिल नहीं हुए जबकि 5 करोड़ रुपए टैक्सों और ई.टी.टी.एस.ए. में चले गए। इन आंकड़ों के मुताबिक साल के लिए होने वाली असली वसूली बल्कि बीते साल की अपेक्षा भी कहीं अधिक होंगी।
इसी दौरान आबकारी और कर विभाग के प्रवक्ता के अनुसार नवीनीकृत/अलॉट किये गये 4674 ठेकों में से 4404 ठेके राज्य भर में खुल गए हैं। सीमित जोन (कंटोनमैंट जोन) वाले इलाकों में अभी ठेके नहीं खोले जा सके।
इसके इलावा मुख्यमंत्री की तरफ से स्वीकृत की संशोधनों की राह पर विभाग ने 91 ग्रुपों पर आधारित 1235 ठेकों के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी है जो राज्य में कफ्र्यू/लॉकडाउन के कारण मुकम्मल नहीं की जा सकी थी।
589 ग्रुपों की तरफ से आज तक खोले गए 4404 ठेकों संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने बताया कि 54 ग्रुपों ने अमृतसर -1, अमृतसर -2, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन में 669 ठेकेे खोलें हैं।
इसी तरह होशियारपुर, जालंधर -1, जालंधर -2, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) जिलों में 138 ग्रुपों ने 977 ठेके खोलें हैं। लुधियाना -1, लुधियाना -2, लुधियाना -3 और फतेहगढ़ साहिब में 147 ग्रुपों की तरफ से चलाए जा रहे 742 ठेकों को खोला गया है जबकि पटियाला, संगरूर और बरनाला जिलों में 117 ग्रुपों ने 718 ठेके खोलें हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि रूपनगर और एस.ए.एस. नगर (मोहाली) जिलों में 55 ग्रुपों की तरफ से 340 ठेके खोलें गए हैं। इनके अलावा फिऱोज़पुर, फाजिल्का, मोगा और मुक्तसर जिलों में 26 ग्रुपों की तरफ से 485 ठेके खोलें गए हैं। इसी तरह फरीदकोट, बठिंडा और मानसा जिलों में 52 ग्रुपों की तरफ से 473 ठेके खोलें गए हैं।
——–

English





