मंडियों में धान की खरीद बंद करने का आदेश चन्नी सरकार का तुगलकी फरमान- हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा
 -किसान, आढ़तियों, मजदूरों और ट्रांसपोर्टरों की मोदी की तरह दुश्मन बनी कांग्रेस सरकार- `आप’ 
 -कहा, अभी भी 20 प्रतिशत धान मंडियों में आनी बाकी, बरसात के कारण कटाई में हुई देरी 
 -बाहरी राज्यों की धान को एडजस्ट करने के लिए माफिया सरकार ने लिया घातक फैसला 

चंडीगढ़, 09 नवंबर 2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश की मंडियों में धान की खरीद प्रक्रिया बंद करने के आदेशों को तुगलकी फरमान करार देते हुए मांग की है कि सभी सरकारी मंडियों में धान की खरीद जारी रखी जाए, क्योंकि इस बार मौसम बिगड़ने के कारण धान के पकने और कटने में देर हुई है। इस कारण अभी भी 20 प्रतिशत फसल मंडियों में आनी शेष है। उन्होंने कहा कि कुदरती आफत के कारण धान की फसल की कटाई में हुई देरी के बावजूद मोदी सरकार और चन्नी सरकार जानबूझ कर सरकारी मंडियों में खरीद प्रक्रिया बंद कर रही है, ताकि बाहरी राज्यों से चोरी-छुपे लाई जा रही धान फर्जीवाड़ा से पंजाब के खाते में खपाई जा सके। इसका घातक नतीजा यह निकलेगा कि किसान परेशान होकर अपनी फसल ट्रांसपोर्टरों और निजी खरीदारों के पास एमएसएपी से भी नीचे मुल्य पर बेचने के लिए मजबूर होगा।

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पार्टी मुख्यालय से मंगलवार को जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में बेमौसमी बरसात के कारण धान की कटाई में देरी हुई है। प्रदेश में करीब 20 प्रतिशत धान की फसल खेतों में खड़ी है। लेकिन पंजाब सरकार ने सरकारी मंडियों में धान की खरीद प्रक्रिया बंद करने के आदेश जारी कर स्वयं के लिए किसान विरोधी होने का सर्टिफिकेट पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि धान की कटाई में देरी के लिए कुदरती आफत समेत केंद्र और पंजाब की सरकारें जिम्मेदार हैं, क्योंकि अधूरे प्रबंध और  खरीद प्रक्रिया देरी से शुरू की गयी। लेकिन पंजाब और केंद्र की सरकार पंजाब के किसानों को सजा देने में जुटी हुई हैं।

हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि पंजाब की सरकारी मंडियों में धान की खरीद बंद करने की कार्रवाई एक साजिश का प्रयास प्रतीत होती हैं और इस साजिश में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और पंजाब की चन्नी सरकार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जहां मोदी सरकार प्रदेश की सरकारी मंडियों को बर्बाद करने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर पंजाब सरकार बाहरी राज्यों से लाकर पंजाब में बेची गई धान के आंकड़ों को छुपाने और धान माफिया को बचाने का प्रयास कर रही है।

`आप’ नेता ने कहा कि जब केंद्र द्वारा 30 नवंबर तक खरीद की मंजूरी है तो पंजाब सरकार 11 नवंबर को ही मंडियां बंद करने का फैसला किस आधार पर ले रही है। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों, आढ़तियों, मजदूरों और ट्रांसपोर्टरों के लिए घातक साबित होगा।

चीमा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि प्रदेश की मंडियों में धान की सरकारी खरीद जारी रखी जाए ,ताकि किसानों की कॉरपोरेटरों के हाथ लूट न हो और बाहरी राज्यों से धान लाकर मंडियों में बेचने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।