पंचकूला और अम्बाला ने ‘हर घर नल से जल जिला’ का खिताब हासिल किया

Panchkula and Ambala bag the title of ‘Har Ghar Nal Se Jal districts’

पंचकूला और अम्बाला ने ‘हर घर नल से जल जिला’ का खिताब हासिल किया

चण्डीगढ़,16 दिसम्बर- हरियाणा के दो जिलों-पंचकूला और अम्बाला ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत ग्रामीण घरों में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के साथ ‘हर घर नल से जल जिला’ का खिताब हासिल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक पाइप से पानी के कनेक्शन के माध्यम से सतत पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करना है।

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में हरियाणा इस प्रमुख कार्यक्रम में केन्द्र सरकार के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और वर्ष 2024 के राष्ट्रीय लक्ष्य से आगे बढक़र दिसम्बर, 2022 तक राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

देवेन्द्र सिंह ने कहा कि पंचकूला और अम्बाला ग्रामीण घरों में सौ फीसदी घरेलू नल कनेक्शन वाले जिले बन गए हैं। पंचकूला, अपने चार ब्लॉक-पिंजौर, रायपुररानी, मोरनी और बरवाला में 34,433 घरेलू नल कनेक्शन के साथ ग्रामीण घरों में शत-प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है। इसी प्रकार, अम्बाला अपने छ: ब्लॉक- अम्बाला-1, अम्बाला-2, बराड़ा, शहजादपुर, नारायणगढ़ और साहा में 1,19,431 घरेलू नल कनेक्शन के साथ ग्रामीण घरों में सौ फीसदी घरेलू नल कनेक्शन वाला दूसरा जिला है।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने पूरे कार्यक्रम को सक्रियता रणनीतिक रूप दिया है और इसी का परिणाम है कि आज हरियाणा ने राज्य के 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार, 26 जनवरी, 2021 तक एक जिले में शत-प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था।  विभाग ने लक्षित तिथि से पहले ही मील का पत्थर हासिल कर लिया है ।

उन्होंने आगे बताया कि विभाग प्रत्येक ग्राम पंचायत से संपर्क करने और संबंधित ग्राम जल और सीवरेज कमेटी से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया में है ताकि कार्यक्रम की जमीनी कवरेज सुनिश्चित करने वाले गांव में शत-प्रतिशत कवरेज की पुन: पुष्टि हो सके।