अपनी आत्मा की आवाज सुनो और देखो कि बरगाड़ी में मारे गए बेकसूरों के खून के साथ सिर्फ आपके हाथ ही नहीं बल्कि रूह भी भीगी हुई है

कहा, पंजाबी इस ना-माफी योग्य काम के लिए अकालियों को कभी माफ नहीं करेंगे
चंडीगढ़, 16 मई
पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों स. बलबीर सिंह सिद्धू और साधु सिंह धर्मसोत ने आज अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को अपनी आत्मा की आवाज सुनने की सलाह दी और कहा कि बरगाड़ी कांड में मारे गए निर्दोष लोगों के खून से न सिर्फ उसके हाथ बल्कि रूह भी भीगी हुई है।
यहाँ जारी एक बयान में मंत्रियों ने स्पष्ट शबदों में कहा कि हर पंजाबी जानता है कि आप अपने संकुचित राजनैतिक हितों के लिए यह ना माफी योग्य काम किया है। उन्होंने कहा कि इस सभी पाप में आपकी शमूलियत को साबित करने के लिए किसी सबूत या गवाही की जरूरत नहीं। स. सिद्धू और स. धर्मसोत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब यह घटना घटी तो सुखबीर राज्य का गृह मंत्री था और उसको यह सभी पापों से कैसे मुक्त किया जा सकता है।
सुखबीर बादल के टवीट पर सख्त प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये दोनों मंत्रियों ने कहा कि अकाली प्रधान लोगों को गुमराह करने के लिए क्या कोशिशें करता है, एक टवीट या एक हजार, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह सभी हत्थकंडे पूरी तरह नाकाम होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वह सबूतों की बात कर रहे हैं परन्तु तथ्य यह है कि यह सब सुखबीर और उसकी मंडली की तरफ से रचा गया जिसके बारे पंजाब के लोगों को अच्छी तरह पता है। स. सिद्धू और श्री धमसोत ने सुखबीर को कहा कि वह दिखावा करना, टाल मटोल करना और झूठ बोलना बंद करे और अपनी बेतुकी बयानबाजी पर लगाम लगाए क्योंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह यह यकीनी बनाऐंगे कि दोषियों को इसकी सजा मिले।
मंत्रियों ने अकाली दल के प्रधान को कहा कि वह अपनी ऊर्जा बचा कर रखे क्योंकि कोटकपूरा की रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर उसे अपना चेहरा बचाने के लिए इसकी बहुत जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं कि यह सभी चीजें समकालीन गृह मंत्री और मुख्यमंत्री, जो अकाली दल प्रधान के पिता हैं, की मंजूरी से बिना राज्य में घटी हों। दोनों मंत्रियों ने कहा कि वास्तव में पिता और पुत्र दोनों को जमीनी हकीकत और स्थिति का पता था जब पुलिस ने बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ रोष-प्रदर्शन कर रहे निर्दोष प्रदर्शकारियों पर गोलियाँ चलाईं। स. सिद्धू और श्री धर्मसोत ने कहा कि पंजाब के इतिहास में यह दुखद घटना थी जिसमें शांतमयी विरोध-प्रदर्शन पर बैठे दो निर्दोष व्यक्तियों की पुलिस कार्यवाही में मौत हो गई थी।

मंत्रियों ने कहा कि जब अकाली -भाजपा सरकार की दोषियों को पकड़ने की कोशिशों में असफल रही तो फिर बादल सरकार ने जानबुझ कर जांच सीबीआइ को सौंपी जिससे जांच में देरी हो सके और पीड़ित इंसाफ से वंचित रहें। स. सिद्धू और स. धर्मसोत ने कहा कि उस समय गृह विभाग पर समकालीन बादल सरकार का दबाव था कि वह इस घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्यवाही न करे। उन्होंने कहा कि सुखबीर या उसकी मंडली चाहे कोई भी हथकंडा इस्तेमाल कर ले परन्तु राज्य के लोग उनको इस पाप के लिए कभी माफ नहीं करेंगे।
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