पंजाब पर 75 साल में 3 करोड़ रूपये का कर्ज हुआ
आम आदमी पार्टी दो साल में इसे बढ़ाकर 4 करोड़ रूपये करना चाहती
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के समक्ष बी.बी.एम.बी का मुददा क्यों नही उठाया
जिन पब्लिक हेल्पलाइन पर शिकायतों का निपटारा किया गया है तथा भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित करने के बारे विवरण सार्वजनिक किए जाएं
चंडीगढ़ 26 मार्च 2022
शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से बिजली मीटरों पर केंद्रीय निर्देश द्वारा प्रीपेड मीटर लगाने की मिली हिदायतों को आम आदमी पार्टी द्वारा चुनावों से पहले 600 यूनिट प्रति बिलिंग चक्र से बिजली की मुफ्त बिजली देने की प्रतिबद्धता से पीछे हटने के बहाने के रूप में इस्तेमाल न करने की अपील की है।
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अकाली दल अध्यक्ष के प्रमुख सलाहकार सरदार हरचरन सिंह बैंस ने कहा है कि ‘‘ हर कोई जानता है कि पावरकॉम को देय राशि मुफ्त बिजली सब्सिडी के कारण राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। पावर रैगूलेटरी कमिशन पहले ही आदेश दे चुका है कि इस राशि की गणना कर सरकारी खजाने से इसका भुगतान किया जाए तथा यह खजाने से पहले भुगतान किया जाए।उन्होने कहा कि इससे राज्य की दायित्व पर कोई असर नही पड़ता है कि बिजली सुविधा उपभोक्ताओं को प्रीपेड यां पोस्टपेड दी जाती है’’।
सरदार बैंस , जो आज दोपहर यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे, ने कहा कि आम आदमी पार्टीऔर उसकी सरकार को इन आरोपों पर सफाई देनी चाहिए कि पारंपरिक और सोशल मीडिया में इसके कारण को बढ़ावा देने के लिए रिपोर्ट लगाने पर लोगों के पैसे को बड़ी मात्रा में खर्च किया जा रहा है। इन रिपोर्टों द्वारा जानबूझकर लोगों को यह सुझाव देकर गुमराह किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार प्रीपेड बिजली पर केंद्र के फैसले के कारण अपनी मुफ्त बिजली प्रतिबद्धता को पूरा करने में सक्षम नही हो सकती है। यह एक अपमानजनक झूठ है, और एक बेतूका बहाना है। प्रीपेड हो यां पोस्ट पेड हो , राज्य सरकार को अपनी प्रतिबद्धता देनदारी के लिए उतनी ही राशि का भुगतान करना होगा।
सरदार बैंस ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकारन लोगों से किए गए वादों को पूरा करने की इच्छाशक्ति की कमी को छिपाने के लिए लीपापोती कर रही है।‘‘ भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन के साथ साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह दावा है कि पंजाब विधायकों की पेंशन में कटौती करके हजारों करोड़ रूपये की बचत करेगा, यह सरेआम बहाने गढ़े जा रहे हैं।
सरदार बैंस ने मुख्यमंत्री की पेंशन कटौती के माध्यम से बचाए गए धन का वास्तविक आंकड़ा सार्वजनिक करने की चुनौती दी।उन्होने मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि वे हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की संख्या, हल किए गए समाधानों की संख्या और शिकायतों परिणामस्वरूप सरकार द्वारा दंडित किए गए संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों के नाम दैनिक आधार पर सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित करें।
सरदार बैंस ने प्रधानमंत्री से अपनी पहली ही मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा एक लाख करोड़ रूपये की भीख मांगने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होने कहा कि ऐसे मामलों में केंद्रीय सहायता हमेशा कर्ज के रूप में होती है।‘‘ पिछले 75 सालों में पंजाब पर 3 करोड़ रूपये का कर्ज बढ़ा है, आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे दो सालों में 150 फीसदी की बढ़ोतरी करके केवल दो सालों में 4 करोड़ रूपये करने की योजना बनाई है’’।
सरदार बैंस ने यह भी पूछा कि जब अरविंद केजरीवाल जैसे आप पार्टी के नेता दावा कर रहे थे कि केवल भ्रष्टाचार और अवैध रेत खनन को रोककर 54 हजार करोड़ जुटाएंगें तो मुख्यमंत्री को भीख क्यों मांग रहे हैं।उन्होने दावा किया कि कि इस पैसे को पारंपरिक राजनेताओं द्वारा लूटा जा रहा था। ‘‘ अब जबकि पारंपरिक नेता सत्ता में नही हैं, तो श्री केजरीवाल तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान क्या कदम उठाना चाह रहे हैं कि 600 यूनिट बिजली और हर वयस्क महिला को 1000 रूपये प्रतिमाह दे सकें।
सरदार बैंस ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री यां तो प्रधानमंत्री से सिर्फ शिष्टाचार से मिलना चाहिए था, यां फिर नदियों का पानी, बीबीएमबी, सिख कैदियों जैसे महत्वपूर्ण मुददों तथा चंडीगढ़ प्रशासन में पजाब का हिस्सा बहाल करने तथा चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करने के बारे बात करने लिए दबाव डालना चाहिए था।

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