मुख्यमंत्री ,सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा दावा की गई ‘पांच पेंशन’ को सार्वजनिक करें यां कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें: सरदार सुखबीर सिंह बादल

SUKHBIR BADAL
ਪਟਿਆਲਾ ਵਿਖੇ ਵਾਪਰਿਆ ਘਟਨਾਕ੍ਰਮ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨਕ ਨਖਿੱਧਪੁਣੇ, ਗ਼ੈਰ-ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰਾਨਾ ਸਿਆਸਤ ਅਤੇ ਮੌਕਾਪ੍ਰਸਤੀ ਦਾ ਨਤੀਜਾ : ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ
 
कहा कि पांच बार के मुख्यमंत्री  ने लिखित में पूर्व विधायक के रूप में पेंशन लेने से इंकार कर दिया था
 
पंजाब में मेडिकल कॉलेज बनाने के बारे में भगवंत मान के झूठ को बेनकाब किया, बताया कि कैसे सरदार परकाश सिंह बादल ने पंजाब में स्वास्थ्य के बुनियादी  ढ़ांचे का निर्माण किया
 
चंडीगढ़/30 नवंबर : शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान को चुनौती दी है कि वह तथाकथित ‘पांच पेंशन’ को सार्वजनिक डोमेन में रखें यां झूठ फैलाने के लिए मानहानि का मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार रहें।
 
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री सात साल पहले आम आदमी पार्टी द्वारा  शुरू किए गए बदनाम करने के अभियान  जारी रखे हुए हैं, और अब झूठे वादों से गुजरात के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ श्री भगवंत मान सोचते हैं कि वह झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर सकते हैं, परंतु हम सब जानते हैं कि वह अपने बातों पर कितना कायम रहते हैं । उन्होने कहा कि अब उसे अपने दावों को सार्वजनिक डोमेन में रखकर अपने दावों को साबित करना होगा यां अपने बयानों के लिए माफी मांगनी होगी। अगर वह ऐसा नही करते हैं तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लेंगें।
 
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सच्चाई  यह है कि पांच बार के मुख्यमंत्री रहे सरदार परकाश सिंह बादल ने 2022 के विधानसभा चुनाव में हार के तुरंत बाद उस समय के स्पीकर को को पत्र लिखकर कहा था कि वह विधायक के रूप में दस कार्यकाल की सेवा के लिए उन्हे मिलने वाली पेंशन को नही भेजा जाना चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ सरदार परकाश सिंह बादल ने उस पैसे का उपयोग सार्वजनिक भलाई, विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा के लिए उपयोग करने का अनुरोध किया था’’।
 
 
सरदार बादल ने कहा कि यह विधानसभा के रिकॉर्ड में हैं। सरदार बादल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी स्पष्ट  किया था कि उन्होने अपने जीवन में कभी भी पूर्व विधायक के रूप में पेंशन का दावा नही करेंगें। उन्होने कहा, ‘‘ इन तथ्यों से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री शिरोमणी अकाली दल को खराब तरीके से दिखाने के लिए जानबूझकर शरारतपूर्ण टिप्पणियां कर रहे हैं तथा खुद को एक मसीहा के रूप में पेश कर रहे हैं, कि वह  करदाताओं के पैसे प्रति माह पांच लाख रूपये बचा रहा है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। आप पार्टी का पूरा अभियान प्रचार पर आधारित है ,तथा चालू वित्त वर्ष में ही विज्ञापनों के लिए 700 करोड़ रूपये रखे गए हैं। उन्होने कहा कि पंजाबी करदाताओं के पैसे गुजरात जैसे चुनावी राज्यों सहित देश भर में आम आदमी पार्टी के विज्ञापन पर सैंकड़ों करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं,  जिसका उपयोग राज्य के विकास के लिए किया जाना चाहिए था। इससे यह भी पता चलता है कि पंजाबियों की भलाई के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करने में मुख्यमंत्री वास्तव में कितनी दिलचस्पी रखते हैं’’।
 
सरदार बादल ने गुजरात में अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भगवंत मान के उस झूठ का भी पर्दाफाश किया, जिसमें उन्होने दावा किया था कि आप पार्टी की सरकार पंजाब में मेडिकल कॉलेज बनवा रही है।‘‘ यह सरासर झूठ है’’। उन्होने कहा कि पंजाब में स्वीकृत किए गए सभी मेडिकल कॉलेज केंद्र सरकार की कोविड के बाद पहल का हिस्सा है और  यह केंद्र द्वारा इसके फंड दिए गए हैं’’।
 
अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को कहा कि स्वास्थ्य ढ़ांचे के निर्माण में सरदार परकाश सिंह बादल के स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के बड़े योगदान की तुलना में अपने गैर प्रदर्शन पर विचार करना चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ आपने (भगवंत मान) ने  सबसे अधिक काम पूर्ववर्ती अकाली सरकार द्वारा स्थापित सुविधा केंद्रों को विफल दिल्ली मॉडल पर मोहल्ला क्लीनिक में बदलने पर सबसे अधिक काम किया है, तथा इन्हे ठीक से चलाया भी नही जा रहा है, इसके अलावा ग्रामीण अस्पतालों को अस्थिर कर रहे हैं , जोकि डॉक्टरों की कमी और दवाओं की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इसके विपरीत सरदार परकाश सिंह बादल बाबा फरीद स्वास्थ्य यूनिवर्सिटी, फरीदकोट, एम्स बठिंडा, पीआईएमएस जालंधर, एडवांस्ड कैंसर इंस्टीटयूट बठिंडा, पीजीआई सैटेलाइट सेंटर संगरूर और होमी भाभा कैंसर इंस्टीटयूट की स्थापना के लिए अकेले जिम्मेदार हैं। उन्होने कहा कि सरदार परकाश सिंह बादल ने कैंसर रोगियों को 1.5 लाख रूपये की वित्तीय सहायता, 1933 मुफ्त दवाई की दुकानें और 750 मुफ्त डॉयग्नोस्टिक सेंटर और 108 एम्बुलेंस सेवा सहित अनूठी स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं की भी शुरूआत की थी।