चंडीगढ़, 16 अगस्तः
राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक संस्थाओं की पंजाब के प्रति आकर्षण पैदा करने के मंतव्य से मंत्रीमंडल ने आज मोहाली की आई.टी सिटी में वित्तीय पक्ष से स्वै-निर्भर प्राईवेट पलाकशा यूनिवर्सिटी की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
मोहाली क्षेत्र को शैक्षिक केंद्र के तौर पर विकसित के लिए रास्ता तैयार करने वाला यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई कैबिनेट की वीडियो कॉंफ्रेसिंग के ज़रिये हुई मीटिंग के दौरान लिया गया। यूनिवर्सिटी इसी शैक्षिक सत्र से कार्यशील हो जायेगी।
पंजाब मंत्रालय के द्वारा ‘पलाकशा यूनिवर्सिटी आर्डीनैंस -2021’ के मसौदे को मंज़ूर करते हुये मुख्यमंत्री को फिर मंत्रीमंडल के आगे पेश किये बगैर कानूनी सलाहकार द्वारा तैयार अंतिम मसौदे को मंजूरी देने के लिए अधिकार दे दिए गए हैं।
मीटिंग के उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 50.12 एकड़ में आधुनिक इमारती कला वाले कैंपस वाली स्थापित की जा रही पलाकशा यूनिवर्सिटी शौध और नवीनतम प्रबंध के साथ चलने वाली यूनिवर्सिटी होगी, जो मोहाली (एस.ए.एस नगर) के प्रमुख स्थान पर पहले पड़ाव पर 244 करोड़ और पाँच वर्षों के दौरान 1145 करोड़ के निवेश से विकसित होगी।
यह यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को विश्व स्तर की उच्च शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनको सांसारिक स्तर पर मुकाबले के योग्य बनाऐगी। शुरुआती दौर में इसमें सालाना 300-400 विद्यार्थियों का दाखि़ला होगा जबकि कैंपस की स्थापना के बाद 1500 तक विद्यार्थी दाखि़ल हो सकेंगे। 21वीं सदी की तकनीक से लैस यूनिवर्सिटी ए.आई, एम.एल. आई.ओ.टी, रोबोटिक्स और डाटा साईंस जैसी वर्तमान दौर की तकनीकों से अग्रणी होगी। यूनीवर्सिटी की तरफ से शौध केंद्र भी स्थापित किये जाएंगे जिससे कुछ बड़ी क्षेत्रीय चुन्नौतियों जैसे डिजिटल हैल्थ, डिजिटल कृषि, साईबर सुरक्षा और भावी गतिशीलता के हल में सहायक होंगे।
पंजाब सरकार की तरफ से आर्डीनैंस और इसकी शर्तों में यह लाज़िमी बनाया गया है कि स्थापित होने जा रही इस यूनिवर्सिटी में 15 फीसद सीटें पंजाब के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप में आरक्षित होंगी और पूरी ट्यूशन फीस माफ /फ्रीशिप का लाभ समाज के कमज़ोर वर्गों के कुल विद्यार्थियों में से कम से कम पाँच फीसदी को दिया जायेगा। यूनिवर्सिटी की तरफ से टीचिंग और नान -टीचिंग अमले की भर्ती यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमीशन के नियमों अनुसार की जायेगी। इसकी तरफ से उद्योग-प्रमुख अध्यापन, ट्रेनिंग और शौध प्रोग्रामों की शुरुआत की जायेगी जिससे समाज के प्रति विकासमुखी योगदान के लिए रोज़गार वाले हुनर मुहैया करवाए जा सकें।

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