घरेलू यात्रियों के लिए 14 दिनों के अनिवार्य एकांतवास को ख़त्म करने की रिपोर्टों को रद्द किया, सडक़ के रास्ते आने वालों को ई-रजिस्टर करवाना होगा
चंडीगढ़, 3 जुलाई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को अगले हफ्ते से कोविड-19 रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग को पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी। इसके अलावा उच्च ख़तरे वाली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से रोज़ाना आने वाले हज़ारों लोगों की सख़्त निगरानी यकीनी बनाने के लिए शंभू बॉर्डर के द्वारा दाखि़ल होने वालों को ई-रजिस्टर करवाना होगा।
रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग जो कम-से-कम 1000 टैस्टों को कवर करेगा, के पायलट प्रोजैक्ट की सफलता के बाद उद्योग खोलने और खेतों में धान की बुवाई के लिए राज्य में आने वाले प्रवासी मज़दूरों के यह टैस्ट किए जाएंगे। राज्य सरकार कोविड टैस्टों के सामथ्र्य को और बढ़ाने के लिए रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग किटों की खऱीद करेगा, हालाँकि मौजूदा समय में पंजाब में टैस्टों की दर भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई 10 लाख के पीछे 140 टैस्ट प्रतिदिन की दर की अपेक्षा अधिक है। इसके साथ ही कोरोना पॉजि़टिव के 10 प्रतिशत मामलों की दर के मुकाबले पंजाब में यह दर भी काफ़ी कम है। 2 प्रतिशत पॉजि़टिव मामलों की दर वाले पंजाब में मौजूदा समय में रोज़ाना 10 लाख के पीछे 242 टैस्ट किए जा रहे हैं, जो कि इस महामारी को और आगे फैलने से रोकने के लिए बनाई गई व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
घरेलू यात्रियों के लिए स्वै-निगरानी अधीन घरेलू एकांतवास की जगह लेने संबंधी भारत सरकार द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ सहमत न होते हुए मुख्यमंत्री ने इसको रद्द करते हुए कहा कि पंजाब में यह कदम नहीं उठाया जाएगा, क्योंकि रोज़ाना दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जहाँ मौजूदा समय में मामलों की संख्या बहुत बढ़ी है, से राज्य में बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी वाहन को सख़्त निगरानी की विधि को अपनाए बिना पंजाब में प्रवेश करने की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई मीटिंग के द्वारा राज्य के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति संबंधी तैयारियों का जायज़ा लिया।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि दाखि़ल होने वाले सभी लोगों की कड़ी निगरानी को यकीनी बनाया जाएगा और घरेलू एकांतवास के अमल को फ़ोन आधारित निगरानी पर निरंतर जाँचने के साथ यकीनी बनाने के लिए प्राईवेट लोगों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। राज्य में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को अपने आप को या तो कोवा ऐप या फिर सरकारी वैब-पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्टर करना होगा और बार कोड समेत रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाहन के अगले शीशे पर लगाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति वाहन की स्क्रीन पर सर्टिफिकेट के प्रिंट को लगाए बिना प्रवेश करेगा, उसे रोक लिया जाएगा और मौके पर ही रजिस्टर करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अनलॉक 2.0 में पास बनाने की ज़रूरत को ख़त्म कर देने के साथ ई-रजिस्ट्रेशन के साथ घरेलू मुसाफिऱों के आने की निगरानी और पता लगाने में सहायता मिलेगी।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि भारत सरकार राज्यों को पी.पी.ई. किटें और दवाओं आदि की सप्लाई से धीरे-धीरे पीछे हट रही है और पंजाब ने इस साल अभी तक सिफऱ् 72 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। केंद्र सरकार से अतिरिक्त फंड मांगने और सप्लाई जारी रखने के लिए मुख्यमंत्री के दख़ल की भी ज़रूरत पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि चाहे राज्य प्रशासन ने केंद्र सरकार के पास पहले ही यह मुद्दा उठाया हुआ है, परन्तु यदि अगले कुछ दिन कोई सकारात्मक स्वीकृति नहीं मिली तो मुख्यमंत्री को दख़ल देना पड़ सकता है।
इसी दौरान मौजूदा मॉनसून ॠतु के दौरान पानी से होने वाले डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय और ग्रामीण विकास विभागों को शहरी और स्थानीय इलाकों में चल रहे किटाणुनाशक छिडक़ाव के अलावा 15 दिन के लिए ज़ोरदार सफ़ाई मुहिम चलाने के आदेश दिए।

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