पंजाब सरकार के तर्कहीन आंकड़ों का गुब्बारा फोड़ा सुनील जाखड़ ने
कहा, गंभीरता से खाली आप सरकार द्वारा केंद्र सरकार को दी गई रिपोर्ट तथ्यों से रहित
सुपर सीएम बने केजरीवाल से सवाल, कहा बार-बार एक ही झूठ बोलने से वह सच नहीं हो जाता
चंडीगढ़, 10 सितंबर 2025
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार केंद्र से सहायता लेने के लिए तर्कहीन आंकड़े पेश कर रही है, जिसका खामियाजा पंजाब के लोग भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लिए 1600 करोड़ रुपये की तत्काल राहत दी है और यह भी कहा है कि अन्य प्रस्ताव आने पर उनके लिए भी सहायता की जाएगी। उन्होंने सुपर सीएम बने अरविंद केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि बार-बार एक ही झूठ बोलने से वह सच नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि ऐसी ही तर्कहीन और तथ्यों से रहित रिपोर्टों के कारण पंजाब के असल मुद्दे दबकर रह गए हैं।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि AAP सरकार के मुख्य सचिव प्रधानमंत्री के सामने नुकसान को 13,289 करोड़ बता रहे थे, जबकि सरकार के मंत्री हरदीप सिंह मुंडी ने इसे 20 हजार करोड़ बताया। मनमाने आंकड़े पेश कर AAP सरकार ने अपना गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए 5,043 करोड़ रुपये की मांग की, जबकि इस सरकार ने वर्ष 2022-23 में पंजाब के 13,500 गांवों में केवल 1,156 करोड़ और 2023-24 में 778 करोड़ रुपये ही ग्रामीण विकास पर खर्च किए। इसी तरह, इस सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में मंडी बोर्ड के माध्यम से सड़कों पर केवल 500 करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन अब बाढ़ प्रभावित गांवों की सड़कों के लिए पंजाब सरकार 1,022 करोड़ रुपये मांग रही है, जबकि इसी सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि 800 करोड़ रुपये से 8,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करेगी। इस तरह ये सभी आंकड़े तथ्यों से रहित और आपस में विरोधी हैं, जो सरकार की नाटकबाजी और गंभीरता की कमी का प्रमाण हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र पर 60,000 करोड़ रुपये बकाया होने के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि यह अरविंद केजरीवाल के रेत और आबकारी से 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व निकालने के काल्पनिक दावे जैसा है, जिसका कोई आधार नहीं है। फिर भी, अगर ऐसा था तो राज्य के वित्त मंत्री ने 3 सितंबर 2025 को हुई GST काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया? उन्होंने पंजाब के साथ भेदभाव के आरोपों पर भी स्पष्टीकरण दिया और बिहार का उदाहरण देते हुए कहा, जिसकी आबादी 13 करोड़ और क्षेत्रफल पंजाब से लगभग दोगुना है, और वहां जल्द ही चुनाव भी होने वाले हैं, फिर भी उसे दी गई राशि यह सिद्ध करती है कि पंजाब के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया।
इसी तरह, उन्होंने जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि इस सरकार ने दावा किया था कि केंद्र से आए 230 करोड़ रुपये बरसात से पहले बाढ़ प्रबंधन पर खर्च किए गए थे। तब क्या एसडीआरएफ की शर्तें सरकार के लिए बाधा नहीं थीं, जो अब सरकार इन शर्तों का हवाला देकर अपने गुनाहों से बचना चाहती है? उन्होंने कहा कि वास्तव में सरकार ने उक्त राशि को सही जगह पर खर्च नहीं किया, वरना पंजाब में इतनी तबाही नहीं होती।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पहले से ही एसडीआरएफ में 12,000 करोड़ रुपये पड़े हैं, लेकिन यह सच है कि इस पैसे को सरकार ने अपनी प्रचारबाजी और केजरीवाल को चुनावी दौरों पर घुमाने जैसे अनावश्यक कार्यों में खर्च कर चुकी है। इसलिए अब यह नियमों का हवाला देकर अपने गुनाह छुपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि 2023 में भी भगवंत सिंह मान ने 15,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन दिए गए वही केंद्र सरकार के 6,800 रुपये थे। अब फिर मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा वे कहां से देंगे।
सुनील जाखड़ ने कहा कि बेशक किसानों को हर संभव राहत मिलनी चाहिए, लेकिन अगर राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू कर देती और किसानों के हिस्से का प्रीमियम 32 करोड़ रुपये अदा कर देती, तो आज प्रत्येक बाढ़ प्रभावित किसान को प्रति एकड़ 42,000 रुपये का बीमा कवर मिल रहा होता।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि यह 1,600 करोड़ रुपये केवल तत्काल राहत है और राज्य सरकार से अन्य प्रस्ताव आने पर केंद्र सरकार और सहायता भेजेगी। इसके अलावा, स्कूलों, राष्ट्रीय राजमार्गों और मकानों के नुकसान की भरपाई के लिए विभिन्न योजनाओं में मदद की घोषणा की जा चुकी है। साथ ही, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की किश्त और एसडीआरएफ की दूसरी किश्त अग्रिम रूप से जारी करने की बात भी कही गई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास के लिए राज्य सरकार जो चाहे कर सकती है, लेकिन इसके लिए उसमें इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के सामने खेत मजदूरों और छोटे व्यापारियों को बाढ़ से हुए नुकसान का जिक्र तक नहीं किया। राज्य सरकार के ढीले रवैये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कभी प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत पंजाब के 23 लाख किसानों को लाभ मिलता था, लेकिन इसके विभागों द्वारा eKYC न करवाने के कारण यह लाभ अब केवल 8 लाख किसानों तक सिमट गया है।
सुनील जाखड़ ने कहा कि सुपर सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार अपनी नाकामियों का बोझ दूसरों पर डालकर अपने गुनाहों से बचना चाहती है, लेकिन पंजाब के लोग उसे ऐसा करने नहीं देंगे।

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