पंजाब के मंत्रियों ने भाजपा की तरफ से अपनी साख बचाने के लिए किसानों को झूठेप्रचार के द्वारा गुमराह करने पर फटकार लगायी

Chief Minister Captain Amrinder Singh

अश्वनी शर्मा की तरफ से लगाऐ दोषों को खारिज करते हुये पूछा, ‘क्या भाजपा को अलविदा कहने वाले आपके नेताओं को भी मुख्यमंत्री ने गुमराह किया’
चण्डीगढ़, 2 नवम्बर:
पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने आज मुख्यमंत्री के खि़लाफ़ बेबुनियाद दोष लगाने पर भारतीय जनता पार्टी पर बरसते हुये कहा कि भाजपा की लीडरशिप घातक कृषि कानूनों के मुद्दे पर पूरी तरह हारने के बाद अपनी साख बचाने के लिए किसानों को गुमराह करने क साथ-साथ झूठा प्रचार कर रही है।
एक सांझे बयान में कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के सम्बन्ध में न सिफऱ् भाजपा पंजाब में किसानों को गुमराह करने की कोशिशें कर रही है बल्कि इस पार्टी के नेता और वर्कर भी अपने राजनैतिक लाभ आगे बढ़ाने के लिए इस संवेदनशील और नाजुक मुद्दे का शोषण करने के उद्देश्य से कोरा झूठ फैलाने में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि भाजपा अपने राजनैतिक फायदे के लिए किसानों को मुख्यमंत्री के खि़लाफ़ भडक़ाने की चालें चल रही है।
भाजपा के प्रांतीय प्रधान अश्वनी शर्मा के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह खि़लाफ़ लगाऐ दोषों पर सख़्त प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुये मंत्रियों ने कहा कि यह स्वाभाविक ही है कि भाजपा, जो किसान विरोधी कृषि कानूनों के कारण केंद्र बिंदु बनी हुई है, के नेता या तो किसानों के सरोकारों से अनजान हैं और या फिर वह किसानों की परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘किसानों को किसी तरह उकसाऐ जाने की ज़रूरत नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के साथ किये जा रहे सलूक से वह (किसान) पहले ही दुखी हैं। वह अपनी रोज़ी -रोटी और अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। परन्तु स्पष्ट है कि शर्मा जैसे भाजपा नेताओं को इसका कोई एहसास नहीं है।’
मंत्रियों ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतड्डृत्व में पंजाब की कांग्रेस सरकार राज्य में चल रहे किसानों के धरनों और माल गाड़ीयों के यातायात के मुलतवी होने के लिए जि़म्मेदार होने के लगाऐ इल्ज़ामों को रद्द किया। उन्होंने कहा, ‘क्या हम राज्य में उन सभी भाजपा नेताओं को भी गुमराह किया जिन्होंने हाल ही में कृषि कानूनों के खि़लाफ़ रोष प्रकटाते हुये पार्टी को अलविदा कहा?’ उन्होंने श्री शर्मा की तरफ से मुख्यमंत्री पर किसानों को गुमराह करने के लगाऐ दोषों को रद्द करते हुये इसको बेबुनियाद करार दिया। आतंकवाद के काले दिनों के दौरान भी केंद्र की तरफ से पंजाब में रेल यातायात मुअत्तल न होने को याद करते हुये मंत्रियों ने कहा कि रेलवे की तरफ से मौजूदा समय में अमन और कानून की व्यवस्था के दिए गए कारण समझ से बाहर हैं ख़ास कर उस समय पर जब किसान रेल गाड़ीयाँ की तरफ से सप्लाई की ढोआई की इजाज़त देने संबंधी अपने फ़ैसले का ऐलान कर चुके हों।
इस बात की तरफ ध्यान दिलाते हुए कि रेल गाड़ीयों की सुरक्षा रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) की जि़म्मेदारी है और राज्य सरकार का इसमें कोई दख़ल नहीं है, मंत्रियों ने पूछा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार का रेल गाड़ीयों के सुरक्षित यातायात से क्या सम्बन्ध है। उन्होंने आगे कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जबकि किसी राज्य में किसानों ने रेल ट्रैक रोके हैं क्योंकि पिछले समय के दौरान भी सरकार चाहे कोई भी सत्ता में हो, ऐसी घटनाएँ कई स्थानों पर होते रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसका अर्थ क्या यह निकाला जाये कि उक्त राज्य के मुख्यमंत्री की जि़म्मेदारी हो जाती है।
मंत्रियों ने आगे कहा कि कुछ भी हो परन्तु ऐसा सोचना भी तर्क से परे है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी कार्यवाही कर सकता है जिससे उसके अपने राज्य को बड़े स्तर पर आर्थिक नुक्सान और उसके अपने लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हो। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्रियों के काम करने का यह ढंग नहीं है परन्तु हो सकता है कि भाजपा के मुख्य मंत्री ऐसे ढंग से व्यवहार करते हों।
मंत्रियों ने यह भी बताया कि पंजाब के उद्योग और कृषि को बेहद नुक्सान बर्दाश्त करना पड़ रहा है और अर्थव्यवस्था पर भी केंद्र सरकार की तरफ से कोविड के दौरान राज्य के बकाए जारी न करने के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और रेलवे द्वारा माल गाड़ीयाँ मुलतवी किये जाने के कारण इसमें दिन-ब-दिन और भी पतन आता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हालात में यह सोचा भी नहीं जा सकता कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस संकट का हल निकालने की जगह राजनीति कर सकते हैं। मंत्रियों ने भाजपा के नेता को कहा कि वह किसानों के जज़्बातों के साथ खेलना बंद करें जोकि पहले ही असह्य पीड़ा बर्दाश्त कर रहे हैं।
अश्वनी शर्मा की तरफ से कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर राज्य में अमन और कानून व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रहने के लगाऐ इल्ज़ामों का जवाब देते हुए मंत्रियों ने सुझाव दिया कि पंजाब भाजपा प्रधान को लोगों के पास, जिन्होंने अकाली -भाजपा सरकार के राज्य में अमन -कानून की नाकामी देखी है, जाकर बात करनी चाहिए। मंत्रियों ने आगे बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुंडा और माफिया राज का ख़ात्मा कर दिया है जिसका कि अकाली -भाजपा सरकार के दौरान बोलबाला था और अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक ऐसे शांतमयी माहौल की सृजन की है जिसमें लोग बिना किसी डर से आज़ादी के साथ साँस ले सकते हैं और उद्योग और निवेश राज्य में वापस आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री की तरफ से समूह पार्टियों को राजनैतिक स्तर से ऊपर उठते हुए न सिफऱ् राज्य बल्कि देश के बड़े हितों में यह संकट हल करने के लिए बार बार दिए जाते बयानों की तरफ ध्यान दिलाते हुए हुये मंत्रियों ने कहा कि यह बहुत ही दुर्गाभाग्यपूर्ण बात है कि सकारात्मक प्रतिक्रिया देने की जगह भाजपा की तरफ से किसानों की कीमत पर राजनैतिक खेल खेली जा रही हैं परन्तु पंजाब के किसान यह जानते हैं कि कौन मगरमच्छ के आंसू बहाव रहा है और कौन उनके मकसद का सच्चा हमदर्द है