लुधियाना, 31 जुलाई,
2022: सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने पंजाब में केंद्र सरकार के फंड से और अधिक होटल मैनेजमेंट इंस्टिट्यूटस स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है क्योकि इस राज्य में
बड़ी संख्या में होटल हैं और लुधियाना, अमृतसर, मोहाली और जालंधर में और अधिक होटल खुल रहे हैं। इससे राज्य के युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी और बदले में अपराध और नशे के बढ़ रहे रुझान में कमी आएगी।
उन्होंने आज यहां एक बयान में कहा कि यह देखा गया है कि पूरे देश में होटलों की मांग बढ़ रही है लेकिन कुशल पेशेवरों की कमी है। उन्होंने कहा कि न केवल भारत में बल्कि होटल उद्योग में दुनिया भर में कुशल पेशेवरों की काफी मांग है।
अरोड़ा ने कहा कि हाल ही में, उन्होंने राज्यसभा में देश में होटल मैनेजमेंट इंस्टिट्यूटस के संबंध में कुछ सवाल रखे थे और जवाब में, केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने जवाब दिया कि देश भर में कुल 21 सेंट्रल सेंट्रल इंस्टिट्यूटस ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (सीआईएचएम) मौजूद हैं। इनमें से एक सीआईएचएम गुरदासपुर में स्थित है। उन्होंने कहा कि पंजाब में ऐसे और संस्थानों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश में होटलों की बढ़ती मांग को देखते हुए निकट भविष्य में होटल उद्योग में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस उद्योग में स्मार्ट और कुशल पेशेवरों की मांग न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में भी तेजी से बढ़ रही है। इसलिए, कुशल और स्थाई पेशेवरों की सख्त जरूरत है। यदि निजी क्षेत्र के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में भी पर्याप्त संख्या में होटल प्रबंधन संस्थान हों तो पंजाब महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने सदन को आगे बताया है कि पिछले तीन वर्षों (2019-20, 2020-21 और 2021-22) के दौरान बिहार, ओडिशा, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुल छह स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) को एफिलिएट किया गया और इन संस्थानों को 5930.56 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में पंजाब में कोई भी एसआईएचएम एफिलिएट नहीं हुआ है।
अरोड़ा ने कहा कि नए होटल प्रबंधन संस्थान की स्थापना एक सतत प्रक्रिया है और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय राज्य सरकार/यूटी प्रशासन से प्रस्ताव प्राप्त होने पर इस संबंध में आवश्यक निर्णय लेता है। उन्होंने कहा कि अब वह इस मामले को पंजाब में `आप’ के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उठाएंगे ताकि होटल प्रबंधन संस्थानों में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं की बेहतर संभावना के लिए इस संबंध में पहल की जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह के और अधिक संस्थानों की स्थापना का महत्व इस तथ्य के मद्देनजर बढ़ गया है कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआईज़) के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी एजुकेशन चालू वित्तीय वर्ष से मंत्रालय की स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की सिफारिश पर बंद कर दी गई है।

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