पंजाब ने सैंपल एकत्रित करने और लैब सामथ्र्य को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ाया – बलबीर सिंह सिद्धू

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4 नयी लैबज़ गुरू अंगद देव वेटनरी यूनिवर्सिटी लुधियाना, आर.डी.डी.एल जालंधर, मोहाली फोरेंसिक साईंस लैब और पंजाब बायोटैक इनकुबेटर मोहाली में की जा रही हैं स्थापित
22 जुलाई, 2020 तक राज्य के 42 माईक्रो -कंटेनमैंट जोनों की की गई पहचान
फ्लू कार्नर की संख्या में विस्तार हुआ जहाँ नमूना इक_ा किया जा रहा है
अब तक स्क्रीनिंग मुहिम के अंतर्गत 37,89,542 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया
चंडीगढ़, 3 जुलाई:
पंजाब ने अपने नमूने एकत्रित करने और प्रयोगशालाओं के सामथ्र्य में महत्वपूर्ण ढंग से विस्तार किया है जिसने इनफैकशन फैलने से रोकने में अहम योगदान डाला है। यह प्रगटावा स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने प्रैस बयान में किया।
स. सिद्धू ने बताया कि पंजाब ने कोविड -19 के लिए 3,24,000 नमूनों की जांच कर ली है। 5 मार्च, 2020 को राज्य में कोविड -19 के पहले पॉजिटिव केस की पुष्टी के बाद, राज्य ने 30 जून, 2020 को प्रति मिलियन आंकड़े के प्रति टेस्टिंग सामथ्र्य को बढ़ा कर 9,949 प्रतिदिन कर दिया है। यह प्रति मिलियन 6653 टैस्टों के राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा बेहतर है। 4 जून, 2020 को 1 लाख नमूनों की जांच मुकम्मल करने के बाद राज्य एक महीने के अंदर 3 लाख नमूनों की जांच करके नया मील पत्थर स्थापित करने में कामयाब हुआ है। यह दर्शाता है कि राज्य अपने जांच सामथ्र्य बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है। सिफऱ् 40 के शुरूआती टेस्टिंग सामथ्र्य (9 मार्च, 2020 को) के साथ शुरू करते हुये पंजाब ने अपनी मेहनत के साथ तारीख़ के तारीख़ तक अपना सामथ्र्य बढ़ा कर 9000 टैस्ट प्रतिदिन कर दिया है।
राज्य में टैस्टों को और बढ़ाने के लिए सरकारी मैडीकल कालेज अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट में तीन लैबों के अलावा गडवासू लुधियाना, आर.डी.डी.एल जालंधर, मोहाली में फोरेंसिक सार्इंस लैब और मोहाली में पंजाब बायोटैक इनकुबेटर में चार नयी लैब स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस समय पर राज्य के जि़ला अस्पतालों में 15 ट्रूनाट टेस्टिंग मशीनें लगाई गई हैं। जैसेकि मृत्यु दर को घटाने के लिए जल्द पता लगाने के लिए राज्य के द्वारा अतिरिक्त ट्रूनाट मशीनें खरीदी जा रही हैं जो 1-1.5 घंटें में टैस्ट रिपोर्ट दे देती हैं।
मंत्री ने बताया कि इस बीमारी को किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में जल्दी पता लगा कर इसके नये क्षेत्रों में फैलने से रोकने के उद्द्ेश्य से देश के साथ राज्य ने माईक्रो -कंटेनमैंट ज़ोन स्थापित करने का फ़ैसला किया है। किसी भी गाँव / वार्ड के अंदरूनी किसी भी ख़ास क्षेत्र में जहाँ 5 से अधिक और 15 कोविड पॉजिटिव केस होने और 500 से अधिक आबादी हो, को माईक्रो कंटेनमैंट ज़ोन के तौर पर नामज़द किया जायेगा। 2जुलाई, 2020 तक राज्य में 42 माईक्रो -कंटेनमैंट जोनों की पहचान की गई है। रणनीति में भौगोलिक कुअरंटाईन, सामाजिक दूरियों के उपाय, सक्रिय निगरानी बढ़ाने, सभी शक्की मामलों की जांच, मामलों को आईसोलेट करना / बचाओ जनतक स्वास्थ्य के उपायों की पालना करने के लिए सामाजिक लामबंदी शामिल है।
नमूना एकत्रित करने के सामथ्र्य को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग फ्लू कॉर्नरों की संख्या बढ़ा रहा है जहाँ नमूना इक_ा किया जा रहा है। कंटेनमैंट और माईक्रो -कंटेनमैंट जोनों में मोबाइल टीमों का गठन किया गया है। निगरानी के उद्देश्य से राज्य में लगभग 995 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है जिससे इनफलूऐनज़ा जैसी बीमारी या गंभीर गंभीर साँस की बीमारी वाले लोगों की घर -घर जा कर निगरानी की जा सके।
निगरानी बढ़ाने के लिए विभाग ने स्वयं पूरे राज्य में एक विशाल हाऊस टू हाऊस निगरानी की थी। हालाँकि इस गतिविधि की गुणवत्ता को डिजीटाईज करने और बेहतर बनाने के लिए, सह -बीमारी वाले लोगों की पहचान करने और उनके डाक्टरी लक्षणों / संपर्क इतिहास / यात्रा के इतिहास की पहचान करने के लिए विभाग द्वारा हाऊस टू हाऊस कम्युनिटी निगरानी के लिए एक इन हाऊस मोबाइल ऐपलीकेशन विकसित की गई है। यह सर्वेक्षण 30 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों या 30 साल से कम उम्र के सह -बीमारी वाले लक्षणों वाले व्यक्तियों को शामिल करता है। मोबाइल ऐपलीकेशन पर 2जुलाई, 2020 तक 37,89,542 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया है।
इसके अलावा शहरी वार्डों के लोगों, ख़ास श्रेणियों और पेशों में आबादी की जांच के लिए एस.ए.एस नगर जिले के खरड़ सब-डिविजऩ में सैंटर फार पालिसी रिर्सच के सहयोग से एक पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया गया है। सर्वेक्षण का ढांचा बहुत कम है, इससे पोलिंग बूथ अनुसार सैंपलिंग की जा रही है। इसके साथ ही राज्य उच्च जोखिम वाले संपर्कों, एस.आर.आई. मामलों और कंटेनमैंट जोनों में रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग शुरू करने की योजना बना रहा है क्योंकि भविष्य में इन समूहों में सकारात्मकता की संभावना और ज्यादा है।