बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका विकसित करने के लिए कहा
कहा, स्कूलों में भी खाली पड़ी जगहों पर फल और सब्जियों के अलावा हर्बल और औषधीय गुणों वाले पौधे लगाए जाएं
चंडीगढ़/जालंधर, 15 अप्रैल 2025
मिड-डे मील का जायजा लेते हुए श्री शर्मा ने बच्चों को मानक और गुणवत्ता युक्त भोजन मुहैया करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राशन के उचित रख-रखाव, भोजन तैयार करते समय सफाई आदि का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में लाभार्थियों के लिए आने वाले खाद्य पदार्थ और स्कूलों में मिड-डे मील के राशन की उचित स्टोरेज सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कुक, हेल्पर्स और अन्य स्टाफ को सफाई और अन्य मानकों संबंधी नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश भी दिए। चेयरमैन ने स्कूलों में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच का जायजा लेते हुए इसका उचित रिकॉर्ड रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाया जा सकता है।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में वर्तमान में 130,683 विद्यार्थी मिड-डे मील योजना का लाभ उठा रहे हैं और सभी सरकारी स्कूलों में किचन शेड, गैस कनेक्शन, गैस भट्ठियां, अग्निशामक यंत्र आदि मौजूद हैं। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि शाहकोट, जो कि एश्पिरेशनल ब्लॉक भी है, में 30 आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका विकसित की गई हैं।
जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी नरिंदर सिंह ने बताया कि जिले में वर्तमान में 790 उचित मूल्य की दुकानें हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 278,856 राशन कार्ड धारक और करीब 1,254,856 लाभार्थी हैं, जिन्हें राशन डिपो के माध्यम से गेहूं का वितरण किया जाता है।
इस मौके पर जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मनजिंदर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी (एली.) हरजिंदर कौर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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