पंजाब सरकार 222.15 करोड़ रुपए की लागत से पौधे लगाने संबंधी आरंभ करेगी व्यापक मुहिमः मुख्य सचिव

vinni mahajan
692.645 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 53 लाख पौधे लगाने, 4.08 करोड़ रुपए से कंडी क्षेत्रों के लिए लकड़ी बचाने वाले उपकरण खरीदने और 2.1 करोड़ रुपए की लागत से पटियाला में ऑटोमैटिक कैटल पौंड को मंज़ूरी
चंडीगढ़, 4 मईः 
पंजाब सरकार राज्य में 222.15 करोड़ रुपए की लागत से 692.645 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 53 लाख पौधे लगाकर व्यापक योजना आरंभ करेगी। इससे मौजूदा वित्त वर्ष दौरान ऊँचाई वाले पौधों से राजमार्गों को और हरा-भरा बनाने, बीड़ मोती बाग़ में सुधार करने और सिसवां कम्युनिटी रिज़र्व के विकास में सहायता मिलेगी।
यह योजना वन और वन्य जीव सुरक्षा विभाग की पंजाब स्टेट कम्पनसेटरी एफोरैस्टेशन मोनिटरिंग एंड प्लैनिंग अथॉरिटी (सी.ए.एम.पी.ए) की साल 2021-22 के लिए एनुअल प्लान ऑपरेशन (ए.पी.ओ.) के अंतर्गत शुरू की जायेगी और इस संबंधी मंज़ूरी आज मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई संचालन समिति की पहली मीटिंग में दी गई। इस योजना के लिए फंड की अलॉटमेंट के लिए मंज़ूर किया प्लान केंद्र सरकार को भेजा जायेगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के निर्देशों पर अमल करते हुए समिति ने कंडी क्षेत्र के जंगलों के साथ लगते गाँवों के लिए 408 लाख रुपए की लागत से लकड़ी बचाने वाले यंत्रों की खरीद को मंज़ूरी दी। इसके अलावा, 210 लाख रुपए की लागत से पटियाला ज़िले में ऑटोमैटिक कैटल पौंड बनाया जायेगा और 392.95 लाख रुपए की लागत से किसानों के लिए बाँस उत्पादन के लिए नुमइशी प्लॉट भी बनाया जायेगा।
योजना संबंधी विवरण देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि डेरा बाबा नानक, मंडी गोबिन्दगढ़ और लुधियाना जैसे 9 प्रदूषित एन.ए.सीज़ में वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए 307 लाख रुपए की लागत से पौधे लगाने संबंधी मुहिम चलाई जायेगी। इसके अलावा, 9,970.25 लाख रुपए की लागत से एन.पी.वी. कम्पोनेंट अधीन 5,401 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर पौधे लगाए जाएंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वन श्री अनिरुद्ध तिवारी ने पंजाब कैम्पा की पृष्ठभूमि संबंधी जानकारी देते हुए संचालन समिति को बताया कि कम्पनसेटरी एफोरेस्टेशन फंड रूल्स, 2018 के मुताबिक कैम्पा फंड को वन क्षेत्रफल बढ़ाने, वातावरण संबंधी सेवाओं की बहाली और जंगलों के विकास और वन्य जीवों के प्रबंधन, संरक्षण संबंधी अन्य गतिविधियों के लिए वन्य क्षेत्रों में सभ्यक तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।
पिछले पाँच सालों में कैम्पा प्रोग्रामों के अंतर्गत 20,631 हेक्टेयर सरकारी ज़मीन वन अधीन लाकर वन और वन्य जीव संरक्षण विभाग ने राज्य में हरियाली और जैव विविधता प्रबंधन संबंधी प्रयासों में अहम योगदान दिया है। जिसके अंतर्गत ग्रीन पंजाब मीशन और 1,178 हेक्टेयर ग़ैर-वन संस्थागत भूमि को वन अधीन लाना भी पंजाब में हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण को सुधारने के लिए एक विशेष पहलकदमी है।
पिछले साल दौरान इस स्कीम अधीन आम और वित्तीय प्रगति बारे जानकारी देते हुए वन के प्रमुख मुख्य कंजरवेटर जतिन्दर शर्मा ने बताया कि 2020-21 दौरान कम्पनसेटरी एफोरेस्टेशन अधीन कुल 311.978 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वृक्ष लगाए गए जबकि पिछले साल के 7896.218 हेक्टेयर के जंगलों का रख-रखाव भी किया गया। इसके अलावा 2007.611 लाख रुपए की लागत से 104387 बड़े और 352414 छोटे पौधों की देखभाल करने का काम किया गया था।
उन्होंने कहा कि एन.पी.वी. कम्पोनेंट के अंतर्गत पिछले साल 5,419.8 लाख की लागत से अलग-अलग तरीकां से वृक्ष लगाए गए और जिसके अंतर्गत 4,458 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वृक्षारोपण और 8,606 हेक्टेयर क्षेत्रफल के वृक्षों की सफलतापूर्वक देखभाल की गई है। उन्होंने कहा कि कंडी क्षेत्रों के वन वाले इलाकों में 7,481 रसोई गैस कुनैक्शन, 182 कम्युनिटी सोलर प्रैशर कुकर और गाँवों की फिरनियों और 788 सोलर लाईटें लगवाई गई हैं, जिससे जंगलों पर जैविक दबाव घटाने में मदद मिली है।