बहस और दोरे के लिए समय और तारीख स्वयं तय कर लें परगट सिंह- मनीष सिसोदिया
सिसोदिया सौंपेंगे दिल्ली के 250 स्कूलों की सूची, परगट सिंह से पंजाब के सरकारी स्कूलों की सूची मांगी
शिक्षा व्यवस्था पर सकारात्मक बहस के निकलेंगे अहम नतीजे- हरपाल सिंह चीमा
बेरोजगार अध्यापकों और निकाले जा रहे गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को आज (27 नवंबर) को मिलने आएंगे अरविंद केजरीवाल
चंडीगढ़, 26 नवंबर 2021
पंजाब के सरकारी स्कूलों और समूची शिक्षा व्यवस्था की बुरी हालत के मद्देनजर दिल्ली और पंजाब के शिक्षा मंत्रियों के बीच शुरू हुई ट्विटर वॉर शुक्रवार को ओर आगे बढ़ गई।
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पंजाब और दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तुलना के लिए दिल्ली के शिक्षा एवं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दी गई चुनौती को पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के 250 स्कूलों की सूची परगट सिंह को भेजे जाने की पेशकश करने के साथ उनसे पंजाब के 250 सरकारी स्कूलों की सूची मांगी है और साथ ही परगट सिंह से कहा है कि वह दिल्ली और पंजाब के सूचीबद्ध बेहतरीन स्कूलों के दौरे और शिक्षा व्यवस्था/सुधारों पर बहस के लिए अपनी इच्छा के अनुसार समय और तारीख तय करके बता दें, ताकि दोनों शिक्षा मंत्री (मनीष सिसोदिया और परगट सिंह) मीडिया की मौजूदगी में दिल्ली और पंजाब के सरकारी स्कूलों का एकसाथ दौरा कर खुली बहस कर सकें।
परगट सिंह द्वारा दिल्ली के शिक्षा मंत्री की चुनौती स्वीकार किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने 3 ट्वीट किए। पहले ट्वीट के अनुसार, ‘‘पंजाब के शिक्षा मंत्री ने मेरी चुनौती स्वीकार करते हुए दिल्ली और पंजाब के 250 स्कूलों के शिक्षा सुधारों के संबंध में बहस को स्वीकारा है। पिछले 5 वर्षों में पंजाब के जितने स्कूलों की हालत सुधरी है, उनमें से सबसे बेहतर 250 स्कूलों की सूची का मुझे इंतजार है।’’
दूसरे ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा है कि ‘‘ मैं स्वयं भी दिल्ली के 250 स्कूलों की सूची सौपूंगा। उसके बाद हम दोनों एकसाथ तय समय और तारीख पर स्कूलों में जाएंगे। साथ ही मीडिया को भी बुलाएंगे, ताकि जनता दिल्ली और पंजाब के सरकारी स्कूलों और दोनों के शिक्षा मॉडल को देखकर अपनी राय बना सकें।’’
तीसरे ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने लिखा कि ‘‘इतना ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार (27 नवंबर) को मोहाली आ रहे हैं। वह (केजरीवाल) वहां अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के धरनों पर बैठकर अध्यापकों के साथ मुलाकात करेंगे। स्कूलों के हुए सुधारों के संबंध में वहां पढ़ा रहे अध्यापकों से बेहतर कौन बता सकता है।’’ इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने सरकारी स्कूलों और शिक्षा प्रणाली को लेकर दिल्ली और पंजाब के शिक्षा मंत्रियों के बीच जारी बहस को महत्वपूर्ण और सकारात्मक करार दिया है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शिक्षा, विशेषकर सरकारी स्कूल शिक्षा का क्षेत्र पिछले कई दशकों से हाशिए पर था। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने पर सरकारी स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाएं सत्ता और लोगों के लिए केंद्र बिंदु के रूप में सामने आई हैं, क्योंकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल पर क्रांतिकारी काम करके दिखाया है, जिसका पंजाब की जनता पर भी जबरदस्त प्रभाव देखने को मिल रहा है।
चीमा ने कहा कि केजरीवाल सरकार के इस प्रभाव को कम दर्शाने के लिए परगट सिंह ने पंजाब के सरकारी स्कूलों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों से बेहतर कहा था, जिसके बाद यह बहस शुरू हो गई और मनीष सिसोदिया ने खुली बहस की चुनौती दी। चीमा ने कहा कि कुछ भी हो शिक्षा, विशेषकर सरकारी स्कूल शिक्षा के विषय और विभिन्न मॉडल (पंजाब और दिल्ली) की अपनी तुलना और इसपर बहस करके सकारात्मक नतीजे निकलेंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य को निजी हाथों में सौंप चुकी रिवायती पार्टियां (कांग्रेस, अकाली, भाजपा) भी सरकारी स्कूल शिक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेंगी। क्योंकि आम आदमी पार्टी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में दिल्ली-पंजाब के साथ साथ देशभर की जनता को जागरूक किया है।

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