केंद्रीय बिजली मंत्री के पास बी.बी.एम.बी का मुददा उठाएंगेंः प्रो. चंदूमाजरा
राज्य के हकों पर डाका मारना बंद करे केंद्र
प्रो. भुल्लर की रिहाई तुरंत करे आम आदमी पार्टी सरकार: सरदार हरचरन सिंह बैंस
चंडीगढ़ 03 मार्च 2022
शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा पूर्व एम.पी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा है कि अकाली दल पंजाब के हकों के लिए हमेशा डटकर खड़ा रहा है तथा आगे भी खड़ा रहेगा तथा केंद्र सरकार यह भलीभांति समझ ले कि पंजाब किसी भी तरह से केंद्र की दादागिरी के आगे नही झूकेगा।
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आज यहां अकाली दल के मुख्य कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ दिनों में ऐसे फैसले लिए हैं जो सीधे तौर पर पंजाब को डराकर बात मनवाने के लिए संशोधित किए गए हैं। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार देश में संघीय ढ़ांचे को तोड़ मरोड़कर यूनिटरी सिस्टम लागू करना चाहती है। उन्होने कहा कि राज्यों के अधिकारों में केंद्र सरकार सीधा हस्तक्षेप कर रही है तथा खासतौर पर पंजाब को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी की , फिर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से पंजाब की स्थाई मैंबरशिप खत्म कर दी गई।
वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि सिर्फ इतना ही नही बल्कि अब केंद्र सरकार ने भाखड़ा डैम की सुरक्षा सी.आई.एस.एफ के हवाले कर दी है। उन्होने कहा कि ऐसा करना पंजाब से धक्केशाही करना है तथा यह भी असलियत है कि सी.आई.एस.एफ का खर्चा अब पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश को उठाना पड़ेगा जबकि यह कर्मचारी केंद्र सरकार के होंगें।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब को पिछले सीजन का आर.डी.एफ का 1100 करोड़ रूपये अब तक जारी नही किए हैं। उन्होने कहा कि ऐसा प्रभाव मिल रहा है कि पंजाब के हकों को छीनकर पंजाबियों को सबक सिखाने के लिए यह चक्रव्यूह रखा जा रहा है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब को यह हिदायत भी दे रही है कि वह अपना पैसा कैसे खर्चे। उन्होने कहा कि जो ग्रांट केंद्र सरकार जारी करती है, उनके खर्च के लिए नियम तथा शर्तें तय करना तो चाहे केंद्र सरकार का हक हो सकता है पर किसी राज्य को खर्चे के बारे हिदायतें देना पूरी तरह गैर वाजिब है।
उन्होने कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट के समय जो व्यवस्था है, केंद्र सरकार एक एक करके वह सभी खत्म करती जा रही है। उन्होने कहा कि बी.बी.एम.बी में पंजाब की स्थाई मैंबरशिप तथा चंडीगढ़ में कर्मचारियों के लिए पंजाब के नियम लागू करना पंजाब पुनर्गठन एक्ट का हिस्सा थी। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार अब चंडीगढ़ का अपना केडर तैयार कर रही है तथा इसे स्थाई तौर पर यू.टी बनाए रखना चाहती है, जबकि इसे सिर्फ आरजी तौर पर यू.टी बनाया गया था।
मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की निंदा करते हुए प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि पंजाब के मुददों पर वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ द्वारा लिखे पत्र का चन्नी ने कोई जवाब नही दिया तथा न इस पर कोई प्रतिक्रिया दी। उन्होने कहा कि अकाली दल ने सुनील जाखड़ के बयान का स्वागत किया था । उन्होने कहा कि अब भी हम सभी पार्टियों से अपील करते हैं कि वह सब मिलकर राज्य के हकों की लड़ाई लड़ें तथा राज्य के हितों के मामले में राजनीति न की जाए।
अकाली नेता ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री चन्नी ने मुख्य विपक्षी पार्टी रही आम आदमी पार्टी राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही है, पर अकाली दल अपनी जिम्मेदारी से पीछे नही हटेगा तथा केंद्र की धक्केशाही को मूकदर्शक बनकर नही देखेगा। उन्होने कहा कि हम अगले हफ्ते केंद्रीय बिजली मंत्री श्री आर.के. सिंह के यूक्रेन से वापिस आने के बाद उनसे मुलाकात करेंगें तथा बी.बी.एम.बी में पंजाब की स्थाई मैंबरशिप का मुददा उठाएंगें।
उन्होने कहा कि इन मीटिंगों का परिणाम क्या परिणाम निकलेगा, इसे देखकर ही हम अगली रणनीति बनाएंगें। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिससे यह लगता है कि हमें एक अन्य धर्म युद्ध मोर्चा लगाना पड़ेगा। उन्होने कहा कि अकाली दल पंजाब के अधिकारों के लिए हमेशा डटकर खड़ा है तथा अब भी पीछे नही हटेगा।
इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में मौजूदा अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार हरचरन सिंह बैंस ने प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर की रिहाई का फैसला टालने तथा आम आदमी पार्टी तथा इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल की जोरदार निंदा की। उन्होने कहा कि अरविंद केजरीवाल हमेशा से सिख विरोधी तथा पंजाब विरोधी है। उन्होने कहा कि वह केजरीवाल को चेतावनी देते हैं कि वह सिखों की भावनाओं से खिलवाड़ न करें। उन्होने कहा कि प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी है तथा प्रो. भुल्लर का स्वास्थ्य बहुत ज्यादा खराब है पर आम आदमी पार्टी की सरकार प्रो. भुल्लर को आंतकवादी करार दे रही है। उन्होने कहा कि प्रो. भुल्लर की रिहाई का फैसला टालने से उनका पंजाब विरोधी चेहरा एक बार फिर नंगा हो गया है। उन्होने यह भी मांग की कि प्रो. भुल्लर को तुरंत रिहा किया जाए।

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