ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी)  लिमिटेड  ने वाणिज्यिक खनन, खदान विकासकर्ताओं (डेवलपर्स)  और संचालकों (ऑपरेटर्स)  के लिए अनुकूलित ऋण वित्तपोषण (कस्टमाइज्ड फाइनेंसिंग)  पर कार्यशाला का आयोजन किया

दिल्ली, 01 NOV 2023 

विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत  सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी उद्यम ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी)  लिमिटेड  ने ‘वाणिज्यिक खनन तथा खदान विकासकर्ताओं  एवं संचालकों (माइन डेवलपर्स  एंड ऑपरेटर्स- एमडीओएस) के लिए अनुकूलित ऋण वित्तपोषण (कस्टमाइज्ड फाइनेंसिंग) ‘ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया । नई दिल्ली के होटल ओबेरॉय में आयोजित इस कार्यशाला में कोयला खनन और वित्तपोषण क्षेत्रों सहित सरकार और उद्योग के प्रमुख हितधारकों  ने भाग लिया। कार्यशाला के एजेंडे को अनुकूलित ऋण-वित्तपोषण समाधानों की व्यापक समझ प्रदान करने और ज्ञान साझा करने के साथ ही  वित्तपोषण के नवीन तरीकों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में संरचित किया गया था जो इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की वृद्धि और विकास को आगे बढ़ा सकता है। इस कार्यशाला में आरईसी और खनन एजेंसियों की वे प्रस्तुतियाँ सम्मिलित  थीं  जो खनन क्षेत्र के भीतर वित्तपोषण की  चुनौतियों और अवसरों पर उनके अद्वितीय दृष्टिकोण पर प्रकाश डालती हैं । कार्यशाला ने ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं दोनों के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया, जिसके बाद खुले मंच पर चर्चा हुई  जिसमें खनन विकासकर्ताओं (डेवलपर्स)  के प्रश्नों का समाधान किया गया ।

मुख्य अतिथि और कोयला मंत्रालय के सचिवश्री अमृत लाल मीणा  ने बैंकों और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मंत्रालय के समक्ष रखे गए प्रस्तावों पर कार्य  करते हुए वाणिज्यिक कोयला खदानों के लिए ऋण उपलब्धता के संबंध में उपयुक्त और उचित समाधान ढूंढने का परामर्श दिया । उन्होंने परिचालन अवधि के समाप्त  होने के बाद कोयला खदानों को कुशलतापूर्वक बंद करने एवं  पंप भंडारण सुविधाओं के साथ ही  सौर पार्क जैसे टिकाऊ प्रयासों के लिए ऐसी बंद  हो चुकी खदानों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। ऐसा करते हुएसचिव ने भविष्य में अधिक टिकाऊ उद्देश्यों के लिए इन भूमियों का उपयोग करने की प्रतिबद्धता पर  भी जोर दिया।

कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिवश्री नागराजू ने ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसीइस  की पहल की सराहना की और कहा कि कोयला क्षेत्र बेस लोड मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुएआरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकश्री विवेक कुमार देवांगन ने कहा कि भारत में खनन उद्योग देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार का ध्यान आत्मनिर्भर भारत‘ और मेक इन इंडिया‘ पर है। खनन क्षेत्र में विस्तार के लिए अब मंच तैयार करें तथा  यह अनुकूलित ऋण वित्तपोषण समाधान के लिए उपयुक्त समय है। आरईसी की और से  हम इस यात्रा में भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं

कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (विपणनश्री मुकेश चौधरी ने राष्ट्र के विकास में  खनन और खान विकासकर्ताओं (डेवलपर्सके योगदान और उनकी भूमिका  को का उल्लेख किया । उन्होंने देश की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने वाले वित्तीय समाधानों के माध्यम से आरईसी की भूमिका का विशेष उल्लेख करते हुए वित्तीय संस्थानों से आगे आने और इस क्षेत्र में ऐसे विकासात्मक कार्यों का समर्थन करने का आग्रह किया ।

निदेशक (वित्त), आरईसी लिमिटेडश्री अजॉय चौधरी और निदेशक (परियोजनाएं), आरईसी लिमिटेडश्री वी के सिंह ने खनन विकासकर्ताओं (माइनिंग डेवलपर्सद्वारा उठाए गए प्रश्नों का समाधान किया और आरईसी लिमिटेड द्वारा प्रदान किए गए वित्तीय समाधानों पर प्रकाश डाला।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन – आरईसीलिमिटेड के बारे में

आरईसी लिमिटेड एक गैरबैंकिंग वित्तीय संस्था नॉन– बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी– एनबीएफसी)  है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र (पावर सेक्टर)  के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है। 1969 में स्थापित  ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन आरईसी)  लिमिटेड ने अपने संचालन के पचास वर्ष से अधिक पूरे कर लिए हैं। यह राज्य विद्युत परिषदों राज्य सरकारोंकेंद्र राज्य विद्युत् उपयोगिताओंस्वतंत्र विद्युत्  उत्पादकोंग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की उपयोगिताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में  उत्पादनपारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए  संपूर्ण विद्युत्  क्षेत्र  की मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेनमें परियोजनाओं का वित्तपोषण शामिल है । आरईसी की  वित्तीय सहायता (फंडिंग)  से भारत में हर चौथा बल्ब प्रकाशमान  होता है। आरईसी हाल ही में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के वित्तपोषण में भी विविधता लेकर आई  है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत में आरईसी की ऋण बही (लोन बुक)  4.54 लाख करोड़ रुपये की  है।