समाज में अच्छे कार्य की सराहना जरूरी, समाज को सेवा करने की प्रेरणा मिलती हैं – ऊर्जा मंत्री अनिल विज

हिन्दी हमारी मातृभाषा – हिन्दी पढ़ने से अपनेपन का भाव, संस्कार और संस्कृति की अनुभूति होती हैं – अनिल विज

मंत्री अनिल विज ने स्वयं लिखी पंक्तियां गुनगुनाई “मैं तो एक छोटा सा परिंदा हूं, कभी ऊंचा उड़ने की ख्वाहिश नहीं की”

ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने आज एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में उत्कृष्ट सेवा करने वाले चिकित्सकों व समाज सेवियों को सम्मानित किया

चंडीगढ़, 14 सितंबर 2025

हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि समाज में अच्छा काम करने वालों की सराहना करना अति आवश्यक है क्योंकि ऐसे मददगार लोगों को प्रोत्साहन मिलता है और दूसरों को भी समाज सेवा करने के लिए प्रेरणा मिलती हैं। एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित कार्यक्रम के लिए श्री विज ने कहा कि आज अम्बाला के योद्धाओं, जिनमें चिकित्सकों के साथ-साथ अन्य शामिल है, उन्हें सम्मान देने के लिए आयोजन किया जा रहा है उसके लिए वे मीडिया हाउस के पदाधिकारियों को सेल्यूट करते हैं।

श्री विज ने यह अभिव्यक्ति अंबाला के किंगफिशर पर्यटक स्थल में आयोजित उत्कृष्ठ सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कहीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप शिखा प्रज्जवलित करके किया गया। इस मौके पर उनके साथ मेयर शैलजा सचदेवा भी मौजूद रहीं।

ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने इस मौके पर हिन्दी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत सारे दुनिया में ऐसे लोग होते हैं जो व्यवसाय करने के साथ-साथ समाज को रास्ता दिखाने का, समाज का भला करने का, समाज का कल्याण करने का काम करते है। यह समूह भी इसी कड़ी में शामिल हैं। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि किसी भी कार्यक्रम की शुरूआत दीपक प्रज्जवलित करके होती है। दीपक जलने का अर्थ यह बताता है कि रोशनी करने के लिए इसकी बाती को जलना पड़ता है और तब तक दीए में तेल होता है, यहीं जीवन का सार है। इसका मतलब यह है कि हमें समाज सेवा क्षेत्र में निःस्वार्थ कार्य करके जरूरमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।

हिन्दी हमारी मातृभाषा – हिन्दी पढ़ने से अपनेपन का भाव, संस्कार और संस्कृति की अनुभूति होती हैं – अनिल विज

श्री विज ने इस मौके पर यह भी कहा कि हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाना काफी सराहनीय है। हिन्दी हमारी मातृभाषा है, हिन्दी पढ़ने से अपनेपन का भाव आता है, हिन्दी पढ़ने से संस्कार आते और हिन्दी पढ़ने से संस्कृति की अनुभूति होती हैं। उन्होनें अंग्रेजी भाषा को चुराई भाषा बताते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा को अपना स्टेटस सिंबल मानते है और यह भी कहा जाता है कि अंग्रेजी भाषा पढ़कर सब कुछ सीखा जा सकता है लेकिन यह वास्तविकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जितने भी देश आज तरक्की कर रहें, वे सब अपनी भाषा को पढ़कर ही आगे बढ़े है। उन्होंने फ्रांस, चाईना, जर्मनी, जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों ने अपनी भाषा का इस्तेमाल किया और आज यह देश तरक्की के मार्ग पर अग्रसर हैं।

उन्होंने कहा कि पहले हम गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण करते थे, वहां पर शिक्षा के  साथ-साथ संस्कार भी ग्रहण करते थे, लेकिन आज की जो शिक्षा है वे किताबी ज्ञान है। उन्होनें मंच के माध्यम से यह भी कहा कि जब जर्मन के डॉक्टर जर्मनी भाषा पढ़कर ऑप्रेशन कर सकते है, फ्रांस के इंजीनियर जहाज बना सकते है तो हमारी इंजीनियरिंग व मेडिकल की किताबे हिन्दी में क्यों न लिखी जाए। हम भी अपनी मातृ भाषा हिन्दी को भी पढक़र आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने मीडिया हाउस समूह द्वारा समाज में अच्छा कार्य करने वाले चिकित्सकगणों के साथ-साथ पिछले दिनों जलभराव के समय जरूरतमंद लोगों की सेवा करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए आज आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह देकर प्रोत्साहित भी किया।

मंत्री अनिल विज ने स्वयं लिखी पंक्तियां गुनगुनाई “मैं तो एक छोटा सा परिंदा हूं, कभी उचा उड़ने की ख्वाहिश नहीं की.”

ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोरोना के समय में डॉक्टरों ने अपनी जान को हथेली पर रखकर लोगों को बचाने का काम किया हैं। उन्होंने डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हुए लोगों के लिए जो कार्य कर रहें है उसकी सराहना भी की। उन्होंने मीडिया समूह की सराहना करते हुए कहा कि समूह ने ऐसे लोगों की पहचान की जिन्होंने जलभराव की स्थिति में आगे आकर अपने दायित्व का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी हैं। उन्होंने इस मौके पर अपने द्वारा लिखित कुछ पंक्तियां भी पढ़ी। “मैं तो एक छोटा सा परिंदा हूं, कभी ऊंचा उडऩे की ख्वाहिश नहीं की”, …….  कहीं।

कार्यक्रम के दौरान मीडिया समूह के पदाधिकारियों व सदस्यगणों द्वारा मुख्य अतिथि अनिल विज व वशिष्ठ अतिथि शैलजा सचदेवा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर लक्की जी व संजीव भुटानी ने अपने गीतों से सभी का मनोरंजन भी किया। इस मौके पर वीडियो क्लिप के माध्यम से अम्बाला छावनी में हुए विकास कार्याे, 1857 की क्रांति से सम्बधिंत बनाए जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के भव्य शहीद स्मारक को दिखाया गया।

इस अवसर पर मेयर शैलजा सचदेवा ने मुख्य अतिथि व अन्य का अभिन्नदन करते हुए मीडिया समूह द्वारा आज आयोजित कार्यक्रम की सराहना की। उन्होनें कहा कि मीडिया समूह सच का साथ देते हुए समाज सेवा में प्रयारत है। वह अपनी लेखनी से समाज में जो भी समस्याएं होती है उन्हें बखूबी उजागर करते हुए उसका निवारण करवाने की दिशा में कार्य करते है। उन्होनें चिकित्सकगणों को योद्धा की संज्ञा देते हुए कहा कि डॉक्टर दिन-रात समाज सेवा के लिए प्रयासरत रहते है, उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है क्योकि वह लोगों को बचाने का काम करते है। उन्होनें आज आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से चिकित्सकगणों व अन्यों को जो सम्मान मिला है, निस्देह उससे अन्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।

इस अवसर पर मेयर शैलजा सचदेवा, एसडीएम अम्बाला छावनी विनेश कुमार, सीएमओ डॉ राकेश सहल, पीएमओ डॉ रेनू बेरी, ब्यूरो चीफ दैनिक जागरण दीपक बहल, सीनियर मैनेजर मुकेश शर्मा, एडवोकेट संदीप सचदेवा, डॉ आरके जुनेजा, उपाध्यक्ष नगर परिषद् ललिता प्रसाद, शैली खन्ना, विपिन सोनी, कपिल विज, श्याम अरोड़ा, संजीव अत्री, रमन छत्ररवाल, संजय लाकड़ा, प्रीतम गिल, कार्यकारी अभियन्ता हरबंस सिंह, इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह के साथ-साथ अन्य चिकित्सकगण, समाज सेवी व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें।