सबसे पहले अमरिन्दर सिंह पर दर्ज हो कत्ल के मामले-भगवंत मान

जहरीली शराब को लेकर ‘आप ’ ने मुख्य मंत्री पर किया पलटवार
हम राजा को कैप्टन नहीं मानते, संकटों के समय बिलों में नहीं छुपते कैप्टन -‘आप’ संसद
आज के बाद मुख्य मंत्री को ‘कैप्टन’ कह कर नहीं संबोधित करेगी ‘आप ’

पटियाला, 6 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने मांग की है कि माझा के तीन जिलों में जहरीली शराब से हुई करीब सवा 100 मौतों के मामले में सबसे पहले मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह पर कत्ल केस दर्ज होने चाहिएं, क्योंकि बतौर मुख्य मंत्री आबकारी और गृह मंत्री ‘राजा’ ही इस संगठनात्मक अपराध के लिए सबसे बड़ा दोषी साबित हो रहा है, फिर कत्ल केस दर्ज करने की शुरुआत अमरिन्दर सिंह से क्यों नहीं होनी चाहिए?
वीरवार को शाही शहर (पटियाला) में आकर प्रैस कान्फ्रेंस के द्वारा भगवंत मान ने मुख्य मंत्री और कांग्रेसी मंत्रियों-विधायकों पर हमला बोला।
इसके साथ ही भगवंत मान ने ऐलान किया कि आज के बाद उनकी पार्टी मुख्यमंत्री को ‘कैप्टन’ कहकर संबोधित नहीं करेगी। मान के मुताबिक ‘‘भारतीय फौज से लेकर ग्रामीण-शहरी समाज और संस्कृती में कैप्टन (कप्तान) एक बेहद सन्मानयोग शब्द है, परंतु अमरिन्दर सिंह इस सम्मानयोग्य शब्द की लाज रखने में बुरी तरह से फ्लाप हुए हैं। लोकतंत्र की ओर से इतना बड़ा मान-सम्मान मिलने के बावजूद अमरिन्दर सिंह अपनी राजाओं वाली अयाश और आराम पसंद जीवन शैली बदल नहीं सके। जहीन और जांबाज टीम नेता के प्रतीक ‘कैप्टन’ शब्द को अमरिन्दर सिंह के लिए इस्तेमाल कर ओर बेइज़्जत नहीं किया जा सकता, क्योंकि युद्धओं, संकटों और चुनौती भरे समय के दौरान मैदान-ऐ-जंग में ‘कैप्टन’ खुद नेतृत्व करते हैं न कि फार्म हाऊस के आलीशान ‘महलों’ में महफिलें सजाते हैं?’’
भगवंत मान ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर जहरीली शराब के इतने बड़े कहर के बावजूद जो मुख्य मंत्री अपने फार्म हाऊस से नहीं निकला, वह खुद को कौन से मुंह से ‘कैप्टन’ कहलवा सकता है।
भगवंत मान ने कहा कि हम (आप) पहले दिन से मांग करते आ रहे हैं कि जहरीली शराब के मामले में कत्ल के मामले दर्ज किए जाएं। यह पिछले 15 सालों से चला आ रहा आग्रेनाईजड़ (संगठनात्मक) माफिया है। बादलों के राज में मुख्य बागडोर अकाली-भाजपा विधायकों के द्वारा बादलों के पास थी, अब कांग्रेसी विधायकों-मंत्रियों के द्वारा राजा के पास है। श्री अमृतसर, तरनतारन और बटाला (गुरदासपुर) में फैले जहरीले शराब की तार-तार राजपुरा, घनौर और खन्ना की नाजायज शराब फैक्टरियों के साथ जुडऩा साबित करता है कि राजा और रानी (परनीत कौर)के करीबी इस मौत के धंधे में कितनी गहराई में उतरे हुए हैं। इस लिए आम आदमी पार्टी इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के मौजूदा जज या सीबीआई से समयबद्ध जांच की मांग करती है।
भगवंत मान ने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच हो जाए तो खडूर साहिब, जंडियाला, बटाला, राजपुरा, घनौर के कांग्रेसी विधायकों या आस पास के हलकों के मंत्रियों समेत मुख्य मंत्री और उसके सीएम कैंप आफिस की प्रदेश के शराब माफिया को कंट्रोल करने की सीधी भागीदारी सामने आ जाएगी। यही कारण है मुख्य मंत्री सीबीआई और हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की जांच से भाग रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि शराब समेत बहुभांती माफिया चलाने के लिए जो पुलिस सत्ताधारी राजनीतिज्ञों के लिए ‘डेलीवेजर’ के तौर पर काम कर रही हो और मंत्री, विधायक या तथाकथित हलका इंचार्ज अपनी मर्जी से थाने ठेके पर चढाते हों, ऐसी जरजरी कानून व्यवस्था (पुलिस तंत्र) से से इंसाफ या निष्पक्ष जांचों की क्या उम्मीद की जा सकती है।
भगवंत मान ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार सचमुच ही बादलों के माफिया को कुचलना चाहती होती तो वायदे के मुताबिक सरकारी शराब निगम बना कर माफिया भगाती और तामिलनाडु और दिल्ली की केजरीवाल की सरकार की तर्ज पर आबकारी विभाग के द्वारा नौजवानों को बड़े स्तर पर रोजगार के मौके और सरकारी खजाने को अरबों का लाभ देती।
इस मौके भगवंत मान के साथ डा. बलवीर सिंह, हरचन्द सिंह बरसट, नीना मित्तल, गगनदीप सिंह चड्ढा, आर.पी.एस. मल्होत्रा, सतबीर सिंह बख्शीवाला, दलवीर सिंह ढिल्लों, चेतन जोरमाजरा, तेजिन्दर मेहता, कुंदन गोगिया, प्रीति मल्होत्रा आदि नेता मौजूद थे।