भाजपा की तानाशाही के खिलाफ अगले चुनावों का ट्रेलर है उप-चुनाव के नतीजे: कुलतार सिंह संधवां

KULTAR SINGH SANDHWAN
KULTAR SINGH SANDHWAN

-कहा, अभी भी मौका है, जिद्द छोड़कर काले कृषि कानून वापस लें मोदी

-लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं, सबक सीखे भाजपा: आप

चंडीगढ़, 03 नवंबर 2021 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने विभिन्न राज्यों में हुए लोकसभा और विधानसभा के उप-चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और उसके सियासी भाईचारे को मिली करारी हार को भविष्य के आम चुनाव के लिए ट्रेलर करार दिया है, जो देश की जनता ने भाजपा के तानाशाही रवैए के खिलाफ फतवे के रूप में दिया है।

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पार्टी मुख्यालय से बुधवार को जारी बयान में पार्टी के किसान विंग के अध्यक्ष एवं विधायक कुलतार सिंह संधवां ने केंद्र की मोदी सरकार को उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक हुए उपचुनाव के नतीजों से सबक सीखने की नसीहत दी है। संधवां के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी समेत समूची भाजपा को समझ लेना चाहिए कि लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं और लोगों द्वारा चुनकर भेजे गए नुमाइंदे को जनता के -मन की बात- को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि भाजपा ने केवल अपने -मन की बात- के बजाय -जन की बात- सुनी होती तो सत्ता में  रहते हुए उप-चुनावों में इतना बुरा हाल नहीं होता

कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मोदी सरकार को अपना जिद्दी और तानाशाह रवैया छोड़कर कृषि विरोधी काले कानूनों समेत वह सभी फैसले वापस लेने चाहिएं, जो जनता पर पिछले वर्षों के दौरान थोपे गए हैं। संधवां ने कहा कि बेकाबू महंगाई, नोटबंदी, जीएसटी, संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकारों पर डाके समेत भाजपा की सांप्रदायिक पहुंच को देश के लोगों ने रद्द कर दिया है, इसलिए ताजा उप-चुनाव के नतीजे भविष्य में होने वाले आम चुनावों का ट्रेलर हैं।

कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यदि मोदी सरकार ने अपना जिद्दी रवैया और सांप्रदायिक एजेंडा नहीं छोड़ा तो अगले मुख्य चुनावों में भाजपा देश भर में खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे। संधवां ने कहा कि दशकों से राज करने वाली कांग्रेस पार्टी की मौजूदा पतली हालत का कारण भी पारिवारिक तानाशाही, भ्रष्टाचार, संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकारों पर हमले करना और जन की बात से मुंह मुड़ना था।

संधवां ने कहा कि मोदी सरकार के पास अभी भी समय है कि वह लोगों द्वारा दिखाए आइने में अपनी असलियत गौर से देखें और हिटलरी अंदाज से तौबा कर करें, जो देश की जनता, संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। संधवां ने मोदी सरकार को कृषि विरोधी तीनों काले कानून तुरंत वापस लेने और बेकाबू महंगाई पर काबू पाने की मांग की है।