डब्ल्यूआईएचजी के 54वें स्थापना दिवस समारोह में हिमालयी प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण में डेटा की भूमिका पर प्रकाश डाला गया

Role of data in preserving the Himalayan Natural Resource highlighted at WIHG 54th Foundation day celebration
Role of data in preserving the Himalayan Natural Resource highlighted at WIHG 54th Foundation day celebration
Delhi 30 JUN 2021

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत ने कल आयोजित एक व्याख्यान में हिमालयी प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण और हिमालयी तरीके से सतत आर्थिक विकास में डेटा की भूमिका पर बल दिया।

नीति आयोग के सदस्य और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सारस्वत, ने वाडिया हिमालयी भूगर्भशास्त्र संस्थान, देहरादून (डब्ल्यूआईएचजी) के 54वें स्थापना दिवस व्याख्यान के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, “डब्ल्यूआईएचजी हिमालय के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और एक विशाल डेटा बैंक होना चाहिए, जो हिमालयी क्षेत्र के नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।”

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान, डब्ल्यूआईएचजी, देहरादून का 54 वां स्थापना दिवस 29 जून, 2021 को मनाया गया। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सारस्वत ने उत्सव को चिह्नित करने के लिए आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में हिमालयी तरीके से सतत आर्थिक विकास पर बातचीत की। ऑनलाइन व्याख्यान में युवा शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, अध्यक्ष, और डब्ल्यूआईएचजी के शासी निकाय के सदस्यों सहित कई प्रतिभागियों ने इस वार्ता में भाग लिया है।

डॉ. सारस्वत ने हिमालयी क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों जैसे वैश्विक तापमान में वृद्धि/ जलवायु परिवर्तन, मानव जनसंख्या में वृद्धि, जंगल की आग और जंगलों में कमी आना, जैव विविधता की हानि, अनियोजित शहरीकरण, महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं और अस्थिर पर्यटन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने एक दूसरे पर आश्रित छह दृष्टिकोणों: लोगों का सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, और उत्पादक रोजगार के अवसर पैदा करके क्षेत्रों का विकास, स्व-शासन को अधिकतम करना, बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और संसाधनों का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करना, इनके माध्यम से इन मुद्दों के समाधान का भी प्रस्ताव रखा।

जहां डॉ. सारस्वत ने हिमालय के विकास और एक विशाल डेटा बैंक के विकास में डब्ल्यूआईएचजी द्वारा निभाई गई भूमिका को रेखांकित किया, जो हिमालयी क्षेत्र के नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी हो सकता है, वहीं डब्ल्यूआईएचजी के निदेशक, डॉ. कलाचंद सेन ने डब्ल्यूआईएचजी द्वारा किए गए कार्य के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी दी।

इस समारोह में कई पुरस्कार जैसे प्रो. आर.सी. मिश्रा पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पत्र पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ता पुरस्कार की भी घोषणा की गई।

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मुख्य अतिथि और वक्ता

डॉ. वी.के.सारस्वत,

नीति आयोग के सदस्य और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति

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