SAD appealed to all political parties to join the ‘sangharsh’ against the three agri bills

Prof Prem Singh Chandumajra appealed to all political parties

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने लोकसभा में विधेयक पारित होने का विरोध न कर किसानो की पीठ में छूरा घोपन के लिए कांग्रेस और आप की आलोचना की

कहा कि शिरोमणी अकाली दल कृषि विधेयकों के खिलाफ एक पार्टी प्रोग्राम लेकर आएगी

चंडीगढ़/19सिंतबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ ‘संघर्ष’ में शामिल हों क्योंकि उन्होने लोकसभा में विधेयकों को पारित करने का विरोध न करके किसानों की पीठ में छूरा घोपा है।

यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता तथा पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने किा कि पंजाब इस मुददे पर सभी राजनीतिक पार्टियों को ‘एक सोच एक मंच’ बनाने की अपील की तथा कहा कि पंजाब इस मुददे पर किसी भी तरह का विभाजन बर्दाश्त नही कर सकता। उन्हानेे कहा कि सभी किसान जत्थेबंदियां तथा राजनीतिक पार्टियों को शिरोमणी अकाली दल का विधेयक पास होन के संघर्ष में साथ देना चाहिए। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि पहले राज्य की नदियों और राजधानी का अलग थलग रहने के कारण ही नुकसान हुआ है।

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने यह भी स्पष्ट किया कि अकाली दल कृषि विधेयकों के खिलाफ पार्टी योजना के साथ ही आएगा। हम चुप नही बैठेंगे। हमने हमेशा किसानों और खेत मजदूरों के लिए आवाज उठाई है तथा पार्टी की समृद्ध और गौरवशाली परंपराओं के अनुसार ऐसा ही करते रहेंगे।

राज्य के किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए ‘सांझा मंच तैयार करने के लिए शिरोमणी अकाली दल तैयार है।अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेस और आप दोहरा खेल खेलकर किसानों को धोखा देने की कोशिश बंद करनी चाहिए। ‘ एक तरफ ये पार्टियां पंजाब में कृषि विधेयकों का विरोध कर रही हैं, लेकिन उन्होने एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर ली है तथा दिल्ली में ‘हां यां ना की लड़ाई’ में शामिल नही हुए। अगर कांग्रेस और आम आदमी पाटभर्् ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की मांग करने वाले विधेयक पर मत विभाजन पर जोर दिया होता तो शायद भाजपा को कृषि विधेयकों को पारित करने को लेकर स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ता।

प्रोफेसर चंदूमारा ने कहा कि सिर्फ इतना ही नही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी न केवल कृषि अध्यादेशों को मंजूरी देने वाली उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के सदस्य बनने के दोषी थे, बल्कि उन्होने अपने सुझाव भी दिए थे जो सुझाए गए अध्यादेशों के अनुरूप थे। ‘ यह पूरे किसान समुदाय के विश्वास को धोखा देने के समान है। उन्होने यह भी बताया कि न तो कांग्रेस सोनिया गांधी और न ही आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कृषि अध्यादेशों के खिलाफ एक भी शब्द बोला था, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोना पार्टियां केवल मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं।

अकाली नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि शिरोमणी अकाली दल ने हमेशा एनडीए सरकार के साथ गठबंधन में हमेशा सिखों के मुददों को उठाया है। हमने 1984 कत्लेआम के अपराधी जगदीश टाइटलर को जेल पहुंचाने में , विदेशों में भारतीय मिशनों में रखी गई काली सूची को समाप्त करने में, करतारपुर कॉरिडोर खोलने में , जम्मू-अमृतसर -कटड़ा एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत श्री अमृतसर साहिब के साथ सुलतानपुर लोधी, गोविंदवाल साहिब और तरनतारन का एक्सप्रेसवे बनाना सुनिश्चित किया। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भले ही हमने भाजपा के सामने अपने किसान समुदाय की भावनाओं से अवगत करवाया था पर इस मुददे पर उनकी शंकाओं का समाधान नही हुआ। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि हम किसानों के प्रति अपने कर्तव्यों में असफल नही होंगे और उनके और पंजाब के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रहेंगे।