– निराश ग्रुप ने पहले ही झून्दा कमेटी की सिफारशें रद्द की : डा. चीमा
– जालंधर की उम्मीदवार सुरजीत कौर को पहले ही पार्टी के फैसले से अवगत करवा दिया था : डा. सुखी
चंडीगढ़, 27 जून 2024
श्रोमनी अकाली दल के सीनियर उप-प्रधान डा. दलजीत सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि जो भी खालसा पंथ और पार्टी को कमजोर करने के प्रयत्न कर रहे है, उन्होंने पहले ही झून्दा कमेटी की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था, जिस में एक परिवार एक टिकट देने की बात की गई थी। यहां जिक्रयोग है कि सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा ने पहले सरदार सुखबीर सिंह बादल की प्रधान के तौर पर लीडरशिप मंजूर की और फिर यह कह कर बगावत कर दी कि पार्टी ने उनके पुत्र सरदार परमिन्दर सिंह ढींडसा को टिकट नहीं दी। आज यहां पार्टी के मुख्य दफ्तर में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए डा. चीमा ने कहा कि यह नेता मीटिंग में कुछ ओर कहते हैं और बाहर जा कर उसके बिल्कुल उलट बोलते हैं।
उन्होंने इन्होंने नेताओं से अपील की कि वह अपनी निजी असफलताओं से इतने हताश न हों कि पवित्र जत्थेबंदी का ही नुक्सान करने लग जाएं जिसके करके इन का अस्तीत्तव है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधान सरदार सुखबीर सिंह बादल की तरफ से नम्रता सहित अपील करता हूं कि जो भी इन के विचार हैं पार्टी प्लेटफार्म पर ही प्रकट किये जाएं। डा. चीमा ने यह भी बताया कि पार्टी के प्रधान के धर्म पत्नी सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने ही झून्दा कमेटी की रिपोर्ट अनुसार सबसे पहले कहा था कि यदि पार्टी सरदार सुखबीर सिंह बादल को चुनाव में खड़ा करती है तो वह एक परिवार एक टिकट के सिद्धांत के मुताबिक चुनाव नहीं लड़ेंगे।
डा. चीमा ने कहा कि ओर कोई भी पार्टी इतनी लोकतंत्रीय आज़ादी नहीं देती जितनी शिरोमणि अकाली दल देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी समय होता है जब हमारे विचार पार्टी की बहु संख्या से अलग होते हैं परन्तु जब एक बार फ़ैसला ले लिया गया तो वह निजी तौर पर पार्टी के बहु संख्या फैसले का सत्कार करते उसको स्वीकृत भी करते हैं और प्रचारते भी हैं। उन्होंने कहा कि एक जत्थेबंदी चलाने के लिए ओर दूसरी विधि नहीं हो सकता।
डा. चीमा ने मीडिया को भी अपील की कि वह शिरोमणि अकाली दल के लिए ‘बागी गुट’ जैसे शब्दों का प्रयोग न करें क्योंकि अकाली दल एक पार्टी है और मीडिया ने आप देखा है कि हमारे कैडर, वर्किंग कमेटी, जिला जत्थेदारों और हलका प्रधानों में से 99 प्रतिशत ने सरदार सुखबीर सिंह बादल की लीडरशिप में भरोसा प्रकट किया है और पार्टी प्लेटफार्म पर लिए फैसलों की हिमायत की है।
उन्होंने कहा कि हैं यदि कुछ चुनिंदा नेता जा कर अपनी खिचड़ी पकाना चाहते हैं तो उनको बागी गुट कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अकाली दल एक पार्टी है कोई धढ़ा नहीं है।
इस मौके बंगा के विधायक डा. सुखविन्दर सुखी, जो जालंधर पश्चिमी उप-चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से ऐलानी चार सदस्यीय कमेटी के मैंबर हैं, ने बताया कि पार्टी ने उम्मीदवार सुरजीत कौर को बाकायदा इस फैसले से अवगत करवाया था कि वह उप-चुनाव नहीं लड़ेगी और उन्होंने अपने नामांकण पत्र वापिस लेने के लिए सहमति भी दी थी परन्तु बाद में वह फैसले से पलट गए।
पार्टी नेताओं ने बागियों को यह भी पूछा गया कि बीबी सुरजीत कौर को क्यों खड़ा किया गया और फिर जालंधर में माहौल क्यों खराब किया गया और कहा कि एक योजना के अंतर्गत सुरजीत कौर को हरवा कर उसका दोष भी पार्टी प्रधान सिर मढऩे की साजिश रची गई।
अकाली दल के प्रधान पार्टी कैडर के साथ मीटिंगें जारी रखेंगे
डा. चीमा ने बताया कि सरदार सुखबीर सिंह बादल पार्टी को जमीनी से शिखर तक मज़बूत करने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने ऐलान किया कि पार्टी प्रधान की तरफ से आगामी दिनों में पार्टी कैडर के साथ मीटिंगें की जाएंगी। उन्होंने बताया कि सरदार सुखबीर सिंह बादल 29 जून को यूथ अकाली दल के अधिकारियों, 1 जुलाई को स्त्री अकाली दल और एस.सी विंग और 2 जुलाई को शिरोमणि कमेटी सदस्यों और बी.सी. विंग के अधिकारियों के साथ मीटिंगें करेंगे।

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