मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र को एक दिन तक सीमित करके पंजाबियों के सवालों से भाग रहे हैं: शिरोमणी अकाली दल

SAD legislative wing leader Sharanjit Singh Dhillon

एक दिन का विधानसभा सत्र लोगों के साथ भद्दा मजाक है,तीन सप्ताह का सैशन करने की मांग की: सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लो

चंडीगढ़/18अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वे संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए एक दिन का विधानसभा सैशन करके पंजाबियों द्वारा पूछे जा रहे सवालों का सामना करें। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार लोकतंत्र का मजाक न बनाएं।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार आयोजित होने वाले एक दिवसीय सत्र के आयोजन का फैसला उन लोगों के साथ भददा मजाक है, जो चाहते थे कि सरकार राज्य के खजाने की लूट के साथ साथ हाल ही में हुई जहरीली शराब त्रासदी में 130 से अधिक लोगों की मौतों के बारे जवाब दे।

उन्होने कहा कि सरकार को लगता है कि वह इस तरह के उपायों के साथ लोगों की आवाज को दबा सकती है लेकिन पंजाबी चुप नही रहेंगे और इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि सरकार को अभी इस बात का खुलासा करना होगा कि वह अपने नेताओं के साथ साथ डिस्टिलरी और शराब माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नही कर रही है, जिससे राज्य के खजाने को 5600 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। उन्होने कहा कि सिर्फ इतना ही नही ‘कांग्रेस विधायकों को बड़े पैमाने पर अवैध शराब के कारोबार करने के लिए दिए खुले लाइसेंस के कारण माझा क्षेत्र के तीन जिलों में जहरीली शराब त्रासदी हुई है। लोग जानना चाहते हैं कि सरकार इस त्रासदी की स्वतंत्र जांच से क्यों भाग रही है।

सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल की वैधानिक दल अध्यक्ष राणा के पी सिंह के पास इस मुद्दे का उठाएगी और उन्हे तीन सप्ताह के विधानसभा सैशन के लिए तत्काल व्यवस्था करने के लिए कहेंगे। उन्होेन कहा कि कांग्रेस सरकार नही चाहती कि कोविड-19 महामारी के कुप्रबंधन,मोंटेक सिंह आहलूवालिया की आड़ में किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा को खत्म करने के प्रयास और कर्मचारियों के लिए न्याय जैसे मुद्दे,सरकार का 50हजार नौकरियां समाप्त करने का प्रयास और कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते और अन्य बकायों पर चर्चा करने से इंकार कर दिया। उन्होने कहा कि यही कारण है कि यह इस तरह का पंजाब विरोधी कदम उठाया जा रहा है।