मुख्यमंत्री पंजाब के हितों की रक्षा करें और राज्य को  दिल्ली द्वारा रिमोट कंट्रोल से न चलाया जाना सुनिश्चित करें : शिरोमणी अकाली दल

SAD asks CM to safeguard interests of Punjab and ensure it is not remote controlled from Delhi
SAD asks CM to safeguard interests of Punjab and ensure it is not remote controlled from Delhi
केजरीवाल द्वारा पंजाब के मुख्य सचिव और पी.एस.पी.सी.एल के चेयरमैन की मीटिंग लेने पर आपत्ति जताई

कहा कि मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि संघीय ढ़ांचे को कमजोर न किया जाए तथा पूछा कि गर्वनर सीमावर्ती जिलों की मीटिंग क्यों कर रहे:  डॉ. दलजीत सिंह चीमा

कहा कि मुख्यमंत्री  कम गेंहू की पैदावार के लिए किसानों को मुआवजा देने का मुददा केंद्र के सामने उठाएं

चंडीगढ़/12अप्रैल 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब के हितों की रक्षा  के लिए कहते हुए कहा कि राज्य को दिल्ली में आप पार्टी की सरकार द्वारा रिमोट से न चलाया जाए तथा केंद्र द्वारा कब्जा न किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होने मुख्यमंत्री से उन किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए भी कहा जो गेंहू की कम पैदावार के कारण मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

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अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री से इन मुददों पर तुरंत गौर करने की मांग करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार , पंजाब के असली मुददों से निपटने के बजाय गाने जैसी गतिविधियों के मुददों पर ध्यान केंद्रित करके लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

यह कहते हुए कि हाल के घटनाक्रम राज्य के लिए बेहद खतरनाक हैं , डॉ. चीमा ने कहा कि  पंजाबी इस बात को देखकर हैरान हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के चीफ सैक्रेटरी और पीएसपीसीएल के चेयरमैने के साथ मीटिंगें कर रहे हैं। ‘‘ लोगों के मन की आशंका सच साबित हो रही है कि पंजाब सरकार को दिल्ली से रिमोट से  चलाया जाएगा। डॉ. चीमा ने भगवंत मान को तुरंत स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहते हुए कहा कि जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री संवैधानिक मानदंडों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उसने पंजाबियों को असुरक्षित बना दिया है। ‘‘ पंजाबियों को डर हैं कि नदी-पानी जैसे महत्वपूर्ण मुददों पर राज्य के अधिकार पर हस्ताक्षर करने के लिए पंजाब के अधिकारियों पर दबाव डाला जा सकता है। श्री मान को समझना चाहिए कि वह पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए हैं और उन्हे अकेले ही आवश्यक मीटिंगें करनी चाहिए और उन्हे दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह अधिकार नही देना चाहिए’’।

अकाली नेता ने कहा कि साथ ही मुख्यमंत्री को केंद्र के सामने डटकर खड़े होना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संघीय ढ़ांचे को हरगिज कमजोर न किया जाए। डॉ. चीमा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री दिल्ली  में थे , तब भी पंजाब के गर्वनर राज्य के सीमावर्ती जिलों में मीटिंगें कर रहे थे। अकाली नेता ने इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या संवैधानिक तंत्र में कोई खराबी आ गई हैं य राज्य अपने कर्तव्यों को पूरा करने में विफल रहा है, जिसके कारण गर्वनर को हस्तक्षेप करना पड़ा है।

डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री से पंजाब के किसानों की गंभीर चिंताओं को दूर करने के कहते हुए कहा कि मार्च में असामान्य ज्यादा तापमान के कारण अनाज सिकुड़ गया था, जिससे गेंहू की पैदावार कम हो गई थी। ‘‘ श्री मान को केंद्र के साथ इन नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा देने का मुददा उठाने की जरूरत है’’। उन्होने कहा कि इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियां सिकुडे हुए अनाज के भाव में कटौती करने का प्रस्ताव कर रही है। ‘‘ उन्होने कहा, ‘‘ इस मुददे को भी केंद्र के साथ तत्काल उठाए जाने की आवश्यकता है’’।

अकाली दल ने मुख्यमंत्री से अपने मंत्रियों और प्रवक्ताओं को वास्तविक मुददों से ध्यान हटाने की कोशिश न करने और लोगों से किए गए वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। ‘‘ राज्य में पहले से ही पिछले एक महीने में लगभग पचास हत्याओं के साथ साथ कानून और व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। डॉ. चीमा ने कहा कि अब स्थिति ऐसी है कि लोग यह दिखाकर अपनी हताशा निकाल रहे हैं कि कैसे कैमिकल ड्रग्ज एक मंत्री को भी स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री को कानून -व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए और नशीले पदार्थों की तस्करी पर कड़ी  जांच सुनिश्चित करनी चाहिए’’।