शिरोमणी अकाली दल द्वारा कांग्रेस सरकार से जबरन कर्फ्यू लगाने की बजाय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने को कहा

Daljit Singh Cheema SAD

कहा कि कर्फ्यू लगाने से लाखों दुकान वालों और व्यापारियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है: डॉ. दलजीत सिंह चीमा

मुख्यमंत्री से राज्य बंद करने की बजाय कर्मचारी हड़ताल के कारण सरकारी कामकाज में पक्षाघात से निपटने के लिए कहा

चंडीगढ़/22अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार से कहा है कि वह जबरदस्ती बंद करने की बजाय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करे, जिसका छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और कुशल कामगारों पर असर पड़ रहा है।

पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सरकार से कहा है कि वह अपनी नाकामियों को छिपाने और अपने कुशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को रोकने का प्रयास कर रही है। सरकार को एम्बुलेंस सेवाओं और अस्पताल के बुनियादी ढ़ांचे में सुधार करना चाहिए, बिस्तर बढ़ाने चाहिए और अधिक डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती करनी चाहिए। उन्होने कहा यह सरकार यह सब कुछ करने की बजाय बिना वैज्ञानिक आधार के बंद करने पर जोर दे रही है। इस बंद से केवल बाजारों में ज्यादा भीड़ जमा होगी जिससे कोविड-19 महामारी के केसों में बढ़ोतरी होगी। इससे दुकानवालों और व्यापारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यदि सरकार इस तरह के शट डाउन को लागू करने के लिए इतनी ही उत्सुक है तो उसे प्रभावित व्यक्तियों का समर्थन करने के लिए एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए।

डॉ. चीमा ने कहा कि पंजाबियों को उम्मीद थी कि सरकार आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी लेकिन वह महामारी से निपटने में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सभी व्यवसायों को बंद कर रही है।

अकाली नेता ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार को डर है कि लोगों का गुस्सा सड़क पर उतर आएगा और इस तरह बंद करने का यही कारण था। उन्होने कहा कि लोग सरकार से पूछना चाहते थे कि वह नकली शराब की खुली बिक्री की अनुमति क्यों दे रहे हैं, जिसने पहले ही 135 लोगों की जाने ले ली थी, तथा जिससे 5600 करोड़ रूपये का राजस्व का नुकसान हुआ था। उन्होने कहा कि सरकारी घोटालों ने चाहे वह शराब घोटाला हो, रेत खनन घोटाला हो, जिसमें हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे,बीज घोटालाया हो यां हाल ही में हुए मनरेगा घोटाला इन सबने लोगों के नाक में दम कर रखा है। सरकार ने पहले ही दो घंटे का मॉनसून सत्र करने का फैसला करके इन मुददों पर चर्चा करने से भाग रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग सरकार का पर्दाफाश करने के लिए सड़कों पर न उतर आएं।

डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कर्मचारियों को लेकर पक्षपात करने के सरकारी रवैये को लेकर सरकारी कामकाज पर ध्यान केंद्रीत करने को कहा है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि महामारी के समय पंजाब में प्रशासनिक पतन हुआ है और इसका समाधान करने की बजाय सरकार मनमाने और गलत ढ़ंग से कर्फ्यू लगाने जा रही है।