
कहा कि आवेदकों को कांग्रेस के लोगों से संपर्क करने के लिए मजबूर किया जा रहा, मामले की जांच की जाए: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/17दिसंबर 2021
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भारत निर्वाचन आयोग में दायर एक शिकायत में शिअद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि पूरे राज्य में प्रचलित है खासकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गृहजिले रोपड़ में यह विशेष रूप से प्रचलित है। पार्टी ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि ‘आटा-दाल कार्ड’ मांगने वाले असली आवेदकों पर संबंधित खाद्य और नागरिक आपूर्ति निरीक्षक द्वारा कांग्रेस विधायक यां हलके के प्रभारी से मिलने और उनके मामले की सिफारिश करवाने के लिए दबाव जा रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेस के नेता बदले में अनुशंसित आवेदनों पर एक होलोग्राम चिपका रहे हैं, जो उनकी सिफारिश स्वीकार करता है तथा इसके बाद ही संबंधित कार्ड जारी करने के लिए स्वीकार किया जाता है।
पत्र में यह भी बताया गया कि कैसे डॉ. चीमा ने डी.एफ.एस.सी रोपड़ से बातचीत की तथा यह जानना चाहा कि उनका विभाग वास्तविक आवेदकों को कांग्रेसी नेताओं से मिलने के लिए क्यों मजबूर कर रहा है। इसमे कहा गया है कि अधिकारी ने कहा कि वह इस मामले में असहाय है क्योंकि होलोग्राम कांग्रेसी नेताओं के पास ही होते हैं और बदले में आवेदकों की अर्जियों पर होलोग्राम लगा रहे हैं, इसके बाद उनकी सिफारिश स्वीकार कर ली जाती है तथा इसके बाद ही संबधित कार्ड स्वीकार किया जाता है
डॉ. चीमा ने इसे अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के समर्थन में मतदाताओं को प्रभावित करने के उददेश्य से सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग है। ‘‘यह रिश्वत के समान है और सरकारी तंत्र का दुरूपयोग है’’। उन्होने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग के अलावा यह भी मांग की कि जो अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं , और कांग्रेसी नेताओं को विभागीय होलोग्राम सौंपे हैं, उन्हे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। अकाली दल ने चुनाव आयोग से कांग्रेस सरकार से इस अवैध प्रथा को तुरंत रोकने और वास्तविक आवेदकों को उनकी राजनीतिक जुड़ाव की परवाह किए बिना आटा-दाल कार्ड जारी करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया।

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