शिरोमणी अकाली दल ने पीएसपीसीएल में 40,000 नौकरियां समाप्त करने के फैसले पर कांग्रेस सरकार की निंदा की

Former minister Sikender singh Maluka

कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में नौकरी देने की बजाय बेरोजगार हुए युवाओं की संख्या दोगुनी हो गई है: सरदार सिकंदर सिंह मलूका

चंडीगढ़/14अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन में 40 हजार स्वीकृत पदों को समाप्त करने का फैसला करने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा करते हुए कहा है कि सरकार को वादे के अनुसार ‘घर घर रोजगार’ देने की बजाय घर घर बेरोजगारी दे रही है।

यहां एक बयान जारी करते हुए सरदार सिकंदर ंिसंह मलूका जोकि शिरोमणी अकाली दल कर्मचारी विभाग के कन्वीनर भी हैं ने कहा कि पीएसपीसीएल  में 40हजार पदों को समाप्त करने का फैसला  तथा जल संसाधन विभाग में 8000 पदों को तथा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग में 2,267पदों को समाप्त करने का फैसला आया है। उन्होने कहा कि पंजाब एक्स-सर्विसमैन कॉरपोरेशन विंग को भी सरकार द्वारा 20फीसदी तक कम करने का निर्णय लेकर उन्हे भी बख्शा नही जा रहा है।

अकाली नेता ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि राज्य में नई सरकारी नौकरियां पैदा करने की बजाय कांग्रेस सरकार स्वीकृत पदों को समाप्त कर रही है। उन्होने कहा कि पीएसपीसीएल के मामले में सरकार ने जानबूझकर रिक्त स्थानों को नही भरा है। ‘अब उन सभी पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है जो पिछले एक साल से नही भरे गए हैं।

अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने घर घर नौकरी स्कीम के तहत् 50लाख नौजवानों को नौकरियां देने का वादा किया था। उन्होने कहा कि केवल 35हजार नौकरियां ही दी गई थी जिनमें रिक्त पदों को भरना भी शामिल था, क्योंकि 70हजार से अधिक नौकरियां समाप्त कर दी गई थी। ‘इसका मतलब यह है कि पिछले साढ़े तीन सालों में बेरोजगार नौजवानों की संख्या दोगुने हो गए हैं। यह बहुत बड़ा अन्याय है क्योंकि नौजवान राज्य का प्रत्येक परिवार में एक नौकरी देने को वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का इंतजार कर रहे हैं।

सरदार मलूका ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल कांग्रेस सरकार को स्वीकृत पदों को समाप्त नही होने देगा और सरकार को इस निर्णय को वापिस लेने के लिए बाध्य करने के लिए आंदोलन करेगा। उन्होने कहा कि पार्टी नौजवानों को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए नए रोजगार पैदा करने के अलावा सभी रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने की मांग करेगी।