चंडीगढ़/23जनवरी
पूर्व मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा सिख हिरासत में लिए गए प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर की समय से पहले रिहाई की याचिका को खारिज करने की निंदा करते हुए उसे खारिज करने के कारणों को सार्वजनिक करने की मांग की है।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता ने पंजाब की आप सरकार और भगवंत मान से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह पिछले दो साल से गुरमीत राम रहीम के खिलाफ धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज करने की एसआईटी की सिफारिश को क्यों दबा कर रहे हैं।
सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि केजरीवाल और भगवंत मान ने प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर , जो पिछले 29 सालों से जेल में बंद है,को न्याय न देने के मामले में मिलकर काम किया है , जबकि वे गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कार्रवाई नही कर रहे हैं, क्योंकि वे हरियाणा विधानसभा चुनावों से पूर्व इस मुददे पर उन्हे नाराज नही करना चाहते हैं’’। उन्होने प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि पंजाबियों को यह जानने का अधिकार है कि प्रो. की समयपूर्व रिहाई की याचिका को पिछले पांच सालों से क्यों लंबित रखा गया और अब इसे क्यों खारिज कर दिया गया है। उन्होने कहा,‘‘ यह प्रो. भुल्लर के मानवाधिकारों का उल्लंघन है’’।
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए कि आम आदमी पार्टी हमेशा देाहरे मापदंड अपना रही है, सरदार मजीठिया ने अप्राकृतिक यौनाचार के आरोपी विधायक अमरजीत सिंह संदोआ के कनाडा से निर्वासन को रोकने के लिए विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह सिंधवां द्वारा पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र प्राप्त करने की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होने कहा कि संदोआ को कनाडाई हवाई अडडे के अधिकारियों ने रोका था और सात घंटे तक अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में पूछताछ की गई थी औश्र उन्हे आप नेता हिम्मत सिंह शेरगिल की शादी में शामिल होने के लिए जाने की अनुमति दी गई थी। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशा निर्देशों के बावजूद पीड़ित और संदोआ के बीच कथित समझौते के आधार पर जल्दबाजी में ऐसे जघन्य अपराध की तह तक जाए बगैर पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र जारी किया गया था।
पूर्व मंत्री ने कहा कि मामले में मेडिको लीगल रिपोर्ट में पर्याप्त सबूत उपलब्ध है जो स्पष्ट रूप से साबित करता है कि संदोआ अप्राकृतिक यौनाचार में लिप्त था। उन्होने कहा, ‘‘ संदोआ द्वारा दबाव में किया गया समझौता भी उन्हे दोषी ठहराता है और ऐसे मामलों में शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए’’।
वरिष्ठ अकाली नेता ने गृहमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मामले में कनाडा सरकार को जिस तरह से गुमराह किया गया, उसकी अलग तरीके से जांच कराने की मांग की है। उन्होने कहा, ‘‘ जिस तरह से गृहमंत्री ने मामले में संदोआ को क्लीन चिट देने का कदम उठाया है, उससे भगवंत मान की नैतिकता के बारे में पता चलता है और वह बेहद निंदनीय है’’। उन्होने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट को तुंरत वापिस लेने और संदोआ के खिलाफ अप्राकृतिक यौनाचार मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होने कहा कि अकाली दल कनाडाई दूतावास से भी संपर्क करेगा और दूतावास को मामले में मेडिको लीगल रिपोर्ट सौंपने के अलावा मामले के पूरे तथ्यों से अवगत कराएगा।

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