शिरोमणी अकाली दल ने शांतिपूर्ण इकट्ठे हुए अकाली कार्यकर्ताओं के खिलाफ दमन की निंदा की

SAD condemns repression committed against peacefully assembled Akali workers

कहा कि पार्टी शहरों में विरोध प्रदर्शन करेगी और दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेगी: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया

राहुल गांधी से पंजाब आने से पहले कृषि विधेयकों को पारित करने के बारे अपने संदिग्ध आचरण के बारे में बताएं

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र के साथ एक तय मैच खेल रहे हैं

चंडीगढ़/02अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज किसानों के साथ हुए अन्याय के विररोध में शहर के बाहरी इलाके में शांतिपूर्वक एकत्र हुए अकाली वर्करों पर पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार की घोर निंदा की, यहां तक कि उन्हानेे घोषणा की कि वह दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन करने के अलावा चंडीगढ़ में और अधिक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि पंजाब में कांग्रेस सरकार और केद्र ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए अकाली वर्करों और किसान संगठनों के बीच लड़ाई भड़काने के इरादे से एक निश्चित मैच खेला था। ‘अगर केंद्र को लगता है कि वह हमारे खिलाफ निर्दयता ढ़ंग से लाठीचार्ज करवाकर हमें चुप करवा सकते हैं जिसने वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया है, तो यह अभी भी पंजाब के किसानों की पीड़ा की भावनाओं को समझ नही पाए हैं। हम किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन करते रहेंगे।

इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि जब उन्होने अन्य नेताओं के साथ मुल्लांपुर मे गिरफ्तारी दी, उस समय पुलिस कर्मियों ने बिना किसी उकसावे के उन पर बेरहमी से हमला किया। उन्होने कहा कि इससे पहले हाथापाई में वरिष्ठ नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा और गुलजार सिंह रणीके भी घायल हो गए थे। उन्होने कहा कि इसी तरह जीरकपुर में वरिष्ठ नेता और सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को भी पुलिस द्वारा हाथापाई की गई। उन्होने कहा कि जीरकपुर और मुल्लांपुर दोनों में पुलिस द्वारा क्रूरता के कारण पार्टी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे।

इस बीच एक सवाल का जवाब देते हुए वरिष्ठ अकाली नेता ने पंजाब आने से पहले कहा कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी को अपने संदिग्ध आचरण के बारे में बताचा चाहिए जिससे संसद में तीनों कृषि विधेयकों को आसानी से पारित करने में आसानी हुई। उन्होने कहा कि यह बहुत ज्यादा संयोग है कि राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद मे कृषि विधेयकों को पेश करने से एक दिन पहले नियमित चिकित्सा जांच के लिए अमेरिका रवाना हो गए और जिस दिन वे पारित हुए उस दिन वापिस लौट आए। सरदार मजीठिया ने कहा कि राहुल को यह भी बताना चाहिए कि उन्होने एपीएमसी अधिनियम और 2019 में ‘मडीकरण’ प्रणाली को समाप्त करने का समर्थन क्यों किया।

उन्होने कांग्रेसी नेता से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि लोकसभा में कृषि विधेयकों को पारित करने का समर्थन करने के बाद उनकी पार्टी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ अभी भी साझेदारी क्यों कर रही है। राहुल केवल फोटो सेशन के लिए पंजाब आ रहे थे। सरदार मजीठिया ने कहा कि कांग्रेसी नेता किसानों की पीड़ा से बेखबर हैं और उन्होने राज्य के गन्ना किसानों को बकाया भुगतान न करने के खिलाफ एक भी आवाज नही उठाई थी।

सरदार मजीठिया ने कहा कि इसी तरह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के किसानों के भविष्य को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने से इंकार करते हुए केंद्र के साथ एक निश्चित मैच खेल रहे थे। उन्होने कहा कि भले ही एक सप्ताह के करीब हो गया, जबकि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सुझाव दिया था कि पंजाब में नए कृषि कानूनों को लागू नही किया जा सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य को एक ही मंडी बनाने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया जाए, लेकिन मुख्मंत्री ने जरूरी काम करने से इंकार कर दिया था। अकाली नेता ने मुख्यमंत्री द्वारा यह कहकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए निंदा की कि पाक आईएसआई उन्हे विभाजित करने और शासन करने की एक और चाल के रूप में घुसपैठ करेगी।

सरदार मजीठिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महीनों से चुप्पी धार रखी थी और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों के समर्थन में आने से इंकार कर दिया था। उन्होने कहा , ‘ यह कि इससे आप पार्टी का पंजाब के लिए प्यार का सारा कुछ पता लग जाता है।