कहा कि मुख्यमंत्री पी.ए.यू में सभी रिक्त पदों को भरने के अलावा इसे एंडोमेंट फंड प्रदान करें : सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल
चंडीगढ़/08अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि भले ही आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि वह कृषि मुददे का समर्थन करती है, लेकिन पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) उनके कार्यकाल में अब तक की सबसे खराब स्थिति में है और कुलपति सहित सभी शीर्ष पद खाली पड़े हैं।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुलपति के अलावा, रजिस्ट्रार, डीन रिसर्च और डॉयरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन का पद भी डेढ़ साल से नियमित आधार पर नही भरा गया है। सरदार ग्रेवाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछा, ‘‘ सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी सरकार की अंदरूनी लड़ाई में व्यस्त थी, लेकिन आपको पिछले पांच महीनों में पीएयू में शीर्ष पदों को भरने से क्या रोक रहा है?’’।
वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा कि शिक्षा से भी समझौता किया गया है क्योंकि बड़ी संख्या में पद खाली हो गए हैं, लेकिन उन्हे भरा नही जा रहा है। उन्होने कहा कि दो साल पहले नियुक्त सहायक प्रोफसरों को भी अब तक नियमित वेतन नही दिया गया है। ‘‘ शिक्षण कर्मचारियों को उनके वेतनमान नही दिए जा रहे हैं, जिसके कारण विश्वविद्यालय में निरंतर विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं, लेकिन फिर भी उनकी शिकायतों का समाधान करने के लिए कुछ भी नही किया गया है’’।
सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिर्फ बोलने से कुछ नही होगा, ‘‘यदि पीएयू का ढ़ांचा विफल हो जाता है तो राज्य के पूरे कृषि अनुसंधान कार्यक्रम से समझौता किया जाएगा और किसानों को मूल्यवान विस्तार सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा’’। उन्होने मांग की कि सरकार सभी शीर्ष पदों के साथ साथ रिक्तियां भरने के अलावा तुरंत एक नियमित कुलपति की नियुक्ति करे। उन्होने यह भी मांग की कि विश्वविद्यालय को पूर्ववर्ती अकाली दल सरकार के दौरान संस्थान को दिए गए 300 करोड़ रूपये की तर्ज पर एक बंदोबस्ती फंड दिया जाए ताकि यह प्रभावी ढ़ंग से काम कर सके।
अकाली नेता ने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि मुख्यमंत्री पीएयू के आंदोलनकारी छात्रों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील है, जो सरकार से कृषि और बागवानी विभाग में 100 रिक्त पदों को भरने की मांग कर रहे हैं। उन्होने कहा कि युवाओं को रोजगार देना आप पार्टी का मुख्य मुददा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार नई नौकरियां देना तो दूर की बात है रिक्त पदों को भी नही भर रही है।

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