शिरोमणी अकाली दल द्वारा केंद्र से डी.ए.पी और एन.पी.के खाद में भारी बढ़ोतरी वापिस लेने की मांग

Sikander Singh Maluka
ਡੀ ਏ ਪੀ ਤੇ ਐਨ ਪੀ ਕੇ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਕੀਮਤ ਵਿਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਚੋਖਾ ਵਾਧਾ ਤੁਰੰਤ ਵਾਪਸ ਲਵੇ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ
कहा कि आम आदमी  पार्टी की सरकार डीजल पर राज्य वैट में 50 फीसदी की कटौती को प्रभावित करने के अलावा किसानों को पुरानी दरों पर डी.ए.पी प्रदान करें: सरदार सिकंदर सिंह मलूका

चंडीगढ़ 25 मई 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र सरकार से डायअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और  नाईट्रोजन फॉस्फोरस पोटाश (एनपीके) में भारी बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग करते हुए कहा है कि डी.ए.पी के मामले में 150 रूपये प्रति बोरी और एन.पी.के मामले में 100 रूपये प्रति बोरी की वृद्वि से किसानों की कमर तोड़ देगी और उन्हे कर्ज के जाल में फंसने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल किसान विंग के अध्यक्ष सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि ‘‘ खेती पहले से ही गैर-लाभकारी होती जा रही है। खाद की दरों में बढ़ोतरी से राज्य के  उन किसानों पर असहनीय बोझ पड़ेगा ,जो पहले से ही डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के परिणामों का सामना कर रहे हैं। यदि  इस बढ़ोतरी को वापिस नही लिया गया तो इसका कृषि अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और यह किसानों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है’’।

सरकार से मांग करते हुए कि खाद प्रमुख इफको को डीएपी और एनपीके खाद की कीमतों में बढ़ोतरी के अपने फैसले को तुरंत निर्देश दिया जाए कहते हुए सरदार मलूका ने कहा कि यदि ऐसा न किया गया तो  यह न केवल गेंहू, धान और मक्का किसानों की आय कम होगी, बल्कि बड़ी मात्रा में डीएपी का उपयोग करने वाले आलू उगाने वाले और गन्ना किसानों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। उन्होने कहा कि आलू किसानों ने प्रति एकड़ डीएपी के चार बोरी तक का उपयोग किया, जबकि गन्ना किसानों ने प्रति एकड़ तीन बोरी का इस्तेमाल किया।

पंजाब में मौजूदा खेती संकट के बारे में बोलते हुए सरदार मलूका ने कहा कि पंजाब के किसानों को उनकी गेंहू की फसल की आंशिक विफलता के कारण प्रति एकड़ 10हजार रूपये तक का नुकसान हुआ है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने आपदा प्रबंधन कोष से राहत दिलाने के लिए केंद्र से संपर्क तक नही किया है। ‘‘  पंजाब के किसानों को फरवरी में बहुत ज्यादा बारिश और तापमान में बढ़ोतरी के कारण  तथा बाद में मार्च में में दोबारा तापमान में बढ़ोतरी के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा  था। सरदार मलूका ने कहा कि राज्य में कोई राहत न मिलने के कारण चौदह आत्महत्याएं देखी  हैं, यदि  तुरंत कार्रवाई नही की गई तो स्थिति और बदतर हो सकती है।

अकाली किसान विंग के अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब सरकार ने के ऑपरेटिव सोसाइटियों के किसानों को पुरानी दरों पर डीएपी खाद की पेशकश करनी चाहिए। उन्होने कहा कि इसके अलावा सरकार को ‘अन्नदाता’ के प्रति अपने कर्तव्य को समझना चाहिए और डीजल पर राज्य वैट में पचास फीसदी की कटौती करनी चाहिए। ‘‘ इसके साथ ही किसानों को गेंहू की कम पैदावार की भरपाई के लिए 500 रूपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाना चाहिए’’।

सरदार मलूका ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह भी अनुरोध किया किवे राज्य सहकारी और लैंड मोर्टगेज   बैंकों द्वारा किसानों को कर्जा नही देने के मुददे को केंद्र के सामने उठाएं। उन्होने कहा कि नाबार्ड बैंकों को फंड जारी नही कर रहा है , जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।