
कहा कि आम आदमी पार्टी की रेड लिस्ट काली सूची की तरह है और इससे किसानों के साथ भेदभाव होगा: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
कहा कि अकाली दल संकट में पराली जलाने वाले किसानों पर लगाए गए जुर्माने की वसूली की हरगिज अनुमति नही देगा
चंडीगढ़/17नवंबर :- पूर्व मंत्री व शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज कहा है कि किसानों ने धान की पराली तभी जलाई, जब मुख्यमंत्री भगवंत मान पराली के प्रबंधन में आने वाली लागत की भरपाई करने में विफल रहे, इसीलिए हजारों किसानों के जमीनों के रिकॉर्डस् में की गई रेड एंट्रियों को तुरंत रदद की जानी चाहिए।
शिरोमणी अकाली दल हमेशा किसानों के साथ खड़ा होने की बात पर जोर देते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी किसानों पर लगाए गए जुर्माने की वसूली का विरोध करेगी और जमीन रिकॉर्ड में रेड एंट्रियों को वापिस नही किए जाने की स्थिति में एक जोरदार आंदोलन शुरू करने के अलावा किसानों पर लगाए गए जुर्माने का विरोध करेगी। उन्होने कहा, ‘‘ आप पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार की काली सूची के समान एक और सूची बनाई है, जो किसानों के लिए अनकही परेशानी का कारण बनेगी और जो कर्जा लेने के अयोग्य हो जाएंगें वे किसान अपनी जमीन गिरवी नही रख पाएंगें। उन्होने कहा कि यह बेहद भेदभावपूर्ण है और किसानों को विभिन्न अन्य सरकारी लाभों से वंचित करने की साजिश है , जो बर्दाश्त नही की जाएगी ’’।
वर्तमान स्थिति के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए अकाली नेता ने कहा, ‘‘ किसानों ने धान की पराली तभी जलाई ,जब श्री भगवंत मान किए गए वादे अनुसार नुकसान की भरपाई के लिए 2500 रूपये प्रति एकड़ का नकद प्रोत्साहन राशि देने से मुकर गए’’। उन्होने कहा कि बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने और तुच्छ लोकप्रियता हासिल करने के बाद आप पार्टी की सरकार ने किसानों को धान की पराली के प्रबंधन के लिए एक रूपये का भी भुगतान नही किया। उन्होने कहा, ‘‘ इसके बजाय पुलिस कार्रवाई जैसे कठोर कदम उठाए गए, ताकि किसानों को अपनी कीमत पर पराली का प्रबंधन करने के लिए मजबूर किया जा सके। उन्होने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण ऐसा करने में असमर्थ लोगों को दंडित किया गया और उनकी जमीन रिकॉर्ड की रेड एंट्री की गई।
सरदार मजीठिया ने कहा कि आप पार्टी की सरकार को पराली का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि ऐसा करने के बजाय किसानों को भारी मशीनरी खरीदने के लिए के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसके लिए वादा किया गया था, परंतु अनुदान भी जारी नही किया गया। उन्होने कहा , ‘‘ इसके अलावा छोटे और सीमांत किसान ऐसी मशीने जो केवल एक पखवाड़े के लिए उपयोग की जा सकती हैं, को नही खरीद सकते हैं’’। उन्होने कहा कि आप पार्टी के स्पष्ट आश्वासन के बावजूद कि मशीनों और संशाधनों की कमी के कारण पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नही की जाएगी , इन किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि कानून -व्यवस्था और सामान्य प्रशासन की तरह आप पार्टी की सरकार ने किसानों की मदद के लिए आगे आने और उनकी शिकायतों का समाधान करने में बार-बार विफल रहकर खेती क्षेत्र में संकट पैदा कर दिया है। उन्होने कहा ,‘‘ मुख्यमंत्री द्वारा बार बार लिखित में वादे किए जाते हैं, लेकिन निभाए कभी नही जाते हैं’’। अकाली नेता ने किसानों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कि जब उनकी मंूग की फसल नही एमएसपी पर नही खरीदी गई थी। उन्होने कहा कि आप पार्टी कमी सरकार जमीन अधिग्रहण, कपास पर कीड़ों का हमला , प्राकृतिक आपदा और दुधारू पशुओं के लिए पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए यहां तक कि किसान आत्महत्या करने वालों के पीड़ितों को नौकरी देने में भी विफल रही है।

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