पंजाब और हरियाणा से यूटी में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की सीमा केवल सात साल करने की नई यूटी पाॅलिसी को तत्काल वापिस लिया जाए: शिरोमणी अकाली दल

चंडीगढ़/05फरवरी 2024
शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासन की पंजाब और हरियाणा से यूटी में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की सीमा केवल सात साल करने की नई पाॅलिसी को तत्काल वापिस लेने की मांग की है।
 
इस फैसले की निंदा करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नई पाॅलिसी पंजाब और हरियाणा में राज्य के विभाज के समय यूटी प्रशासन द्वारा सहमत तदर्थ व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होने कहा कि तब कि यूटी के लिए कर्मचारी क्रमशः 60ः40 के अनुपात पर पंजाब और हरियाणा से लिए जाने पर सहमति बनी थी।
 
यह कहते हुए कि पंजाब और हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति को देश में अन्य ऐसी प्रतिनियुक्तियों के साथ बराबर नही किया जा सकता, डाॅ. चीमा ने कहा,‘‘ पंजाब और हरियराणा के कर्मचारियों के मामले में उन्हे दोनों सरकारों द्वारा अधिकार के रूप में तैनात किया जाता है’’। उन्होने कहा कि इस पद पर तैनात कर्मचारियों को अन्य प्रतिनियुक्तियों की तरह कोई प्रतिनियुक्ति भत्ता भी नही मिलता है। उन्होने कहा,‘‘ यह स्पष्ट है कि नई पाॅलिसी का मकसद यूटी में पंजाब और हरियाणा के कर्मचारियों की पोस्टिंग को हतोत्साहित करना है। ऐसी अनिश्चित परिस्थितियों में वे स्थायी रूप से चंडीगढ़ में स्थानांतरित नही होना चाहेंगें’’।
 
डाॅ. चीमा ने कहा कि यूटी प्रशासन को यह ध्यान में रखना चाहिए कि इकाई पंजाब में स्थानांतरण के लिए एक लंबित अस्थायी व्यवस्था थी। इसीलिए यूटी प्रशासन को ऐसी नीतियां बनाने का कोई अधिकार नही है।