शिरोमणी अकाली दल द्वारा दिल्ली पुलिस से पार्टी छोड़ने वालों द्वारा दिल्ली में अपने कार्यालय पर कब्जा करने के प्रयासों के खिलाफ शिकायत दर्ज

Shiromani Akali Dal
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਨੇ ਦਿੱਲੀ ਪੁਲਿਸ ਨੂੰ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਦਿੱਲੀ ਦਫਤਰ ’ਤੇ ਪਾਰਟੀ ਨੁੰ ਧੋਖਾ ਦੇਣ ਵਾਲਿਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕਬਜ਼ਾ ਕਰਨ ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਦੀ ਕੀਤੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ
सिख बंदियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और उनकी जल्द रिहाई के लिए अरदास करने के लिए अखंड पाठ शुरू किया

चंडीगढ़ 28 अप्रैल 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज दिल्ली पुलिस  से शिकायत दर्ज कराई कि पार्टी छोड़ने वाले कुछ नेता गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के परिसर में उनके कार्यालय पर  अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, तथा उनके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाने की मांग की।

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इस संबंध में बलविंदर सिंह भूंदड़, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, शरणजीत सिंह ़िढ़ल्लों , डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सुरजीत सिंह रखड़ा, विरसा सिंह वल्टोहा, बीबी रंजीत कौर, एस एस बब्बर सहित पार्टी के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने डी.सी.पी , नई दिल्ली से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अकाली दल कार्यालय का कामकाज किसी तरह से बाधित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की।

इसके साथ ही अकाली दल ने सिंख बंदियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और उनकी शीघ्र रिहाई के लिए अरदास करने के लिए परिसर में अखंड पाठ की शुरूआत की। समुदाय उन सिख बंदियों की रिहाई का इंतजार कर रहा है, जिन्होने जेल में  उम्रकैद से अधिक की सजा काट ली है, और  2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्र द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के बाद भी रिहा नही किया गया है। अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ,जो पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं ने भी इस अवसर पर माथा टेका और सिंह बंदियों की रिहाई के लिए अपना अटूट समर्थन दिया।

इस बीच मीडिया से बात करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा औरर विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि सिख समुदाय इस बात से निराश है कि  बलवंत सिंह राजोआणा और प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर तथा भाई जगतार सिंह हवारा सहित सिख बंदियों को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के प्रकाश पर्व पर रिहा नही किया गया है जिसे हाल ही में केंद्र द्वारा मनाया गया था। उन्होने कहा, ‘‘ पूरे सिख समुदाय को उम्मीद थी कि इस अवसर सिख बंदियों को रिहा कर दिया जाएगा। अब हमें पूरी उम्मीद है कि 30 अप्रैल तक ऐसा हो जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बलंवत सिंह राजोआणा की दया याचिका पर फैसला लेने का निर्देश दिया दिया था।