अकाली दल द्वारा पंजाब के डॉक्टर चंडीगढ़ से वापिस भेजकर अन्य राज्यों  से डॉक्टर डेपुटेशन पर भेजने के प्रस्ताव का किया जोरदार विरोध

CHEEMA
ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਨੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਡਾਕਟਰ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹੋਂ ਵਾਪਸ ਭੇਜ ਹੋਰ ਪਾਸਿਓਂ ਡਾਕਟਰ ਡੈਪੂਟੇਸ਼ਨ ’ਤੇ ਸੱਦਣ ਦੀ ਤਜਵੀਜ਼ ਦਾ ਕੀਤਾ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਵਿਰੋਧ
जब पंजाब चुनावों में व्यस्त था तब चंडीगढ़ से पंजाब की हिस्सेदारी घटाने की साजिश रची गई: डॉ. चीमा
अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृहमंत्री से मिलकर मामला उठाएगा

 

चंडीगढ़ 01मार्च 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा पंजाब के चंडीगढ़ में डैपूटेशन पर काम कर रहे 112 डॉक्टरों को वापिस भेजकर अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से डॉक्टर डेपुटेशन पर बुलाने के प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया है तथा इसे चंडीगढ़ प्रशासन से पंजाब की हिस्सेदारी घटाने की साजिश करार दिया है तथा कहा कि अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री से मुलाकात करके इस मामले को उनके पास उठाएगा।

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उन्होने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब का हिस्सा घटाने की यह साजिश पहली बार नही रची गई। पहले भी चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के तैनात अफसर ऐसी साजिश रचते रहे हैं पर तब इनका अकाली दल ने पूरजोर विरोध किया था तब इन्हे यह फैसला वापिस लेना पड़ा था।

उदाहरण देते हएु पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2018 में यह प्रस्ताव तैयार किया गया कि चंडीगढ़ के लिए 468 जे.बी.टी टीचर भर्ती किए जाएंगें। उन्होने कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट के नियमों के अनुसार पंजाब के सर्विस रूल चंडीगढ़ में लागू होते हैं पर चंडीगढ़ के अधिकारियों ने न सिर्फ पंजाबी की 10वीं तक पंजाबी अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ने की शर्त खत्म कर दी, बल्कि इन अध्यापकों के लिए टेस्ट भी सिर्फ अंग्रेजी तथा हिंदी में रख दिया तथा पंजाबी को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। उन्होने कहा कि जब हम यह मामला पंजाब के राजपाल के पास उठाया तो चंडीगढ़ प्रशासन ने संशोधित विज्ञापन जारी कर दिया।

डॉ. चीमा ने कहा कि सिर्फ इतना ही बल्कि चंडीगढ़ ने शिक्षा क्षेत्र में 80 फीसदी स्टाफ यू. टी केडर का भर्ती कर लिया है जबकि यह पंजाब तथा हरियाणा 60ः40 का अनुपात होना चाहिए था। उन्होने कहा कि बाकी के रहते 20 फीसदी में से भी पंजाब को 12 फीसदी हिस्सा भी नही मिल रहा ।

उन्होने यह भी बताया कि उन्होने शिक्षा मंत्री रहते हुए पंजाब के अध्यापक चंडीगढ़ वापिस भेजने के प्रस्ताव का विरोधि किया था तथा विषय के अनुसार अध्यापकों की सूची भेजकर पंजाब के राजपाल जो चंडीगढ़ प्रशासक भी थे से कहा था कि पंजाब का अभी 211 अन्य पदों पर हक बनता है तो फिर इसके अध्यापक वापिस भेजना का फैसला कैसे लिया जा सकता है?

पंजाब के पूर्व राजपाल एस.एस.राव द्वारा तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र को पढ़कर सुनाते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि उन्होने स्पष्ट कहा था कि चंडीगढ़ को अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह नही गिना जाना चाहिए। उन्होने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के गांवो की जमीनों को काटकर बनाया गया है तथा पंजाब ने यह कुर्बानी अपनी राजधानी के लिए दी थी। उन्होने कहा कि राजधानी तो क्या मिलनी थी इसके विपरीत चंडीगढ़ में से 60 फीसदी स्टाफ की पंजाब की दावेदारी को खत्म करने की साजशें रची जा रही हैं।

अकाली नेता ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा क जब चंडीगढ़ में कानून बनाने के लिए कोई विधानसभा नही है तथा इसमें सिर्फ पंजाब के नियम लागू हैं तो फिर राज्य के खिलाफ साजिशें क्यूं की जा रही हैं। उन्होने कहा कि उन्हे यह जानकारी मिली है कि एक फाइल तैयार की गई है कि चंडीगढ़ में कर्मचारियों के लिए केंद्र के नियम लागू होंगें तथा पंजाब के नियम हटा दिए जाएंगें जोकि पंजाब पुनर्गठन एक्ट के अनुसार लागू हैं।

डॉ. चीमा ने कहा कि अकाली दल ऐसी साजिशों को हरगिज बर्दाश्त नही करेगा तथा न ही मूकदर्शक बनकर चुप बैठेगा। उन्होने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करके यह मुददा उठाएगा। उन्होने कहा कि हम किसी को भी पंजाब का बनता हिस्सा लूटने की आज्ञा नही देंगें।