
लोगों के मसलों के समाधान के लिए तुरंत पंजाब सरकार को हिदायत दें राज्यपाल: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़ 09 मई 2022
शिरोमणी अकाली दल ने आज राज्य भर के जिला मुख्यालयों तथा डिप्टी कमिशनरों द्वारा राज्यपाल के नाम मांगपत्र दिए हैं। इन मांग पत्रों में पंजाब के लोगों के ज्वलंत मुददों की जानकारी राज्यपाल को दी गई तथा राज्यपाल से अपील की गई कि वह इन मसलों के निपटारे के लिए तुरंत पंजाब सरकार को आवश्यक हिदायतें जारी करें।
जिला मुख्यालयों पर पार्टी लीडरशीप की अगुवाई में पार्टी के पदाधिकारियों ने यह मांग पत्र अपने अपने जिले के डिप्टी कमिशनरों को सौंपें।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि इन मांग पत्रों में पार्टी ने बिजली समस्या की जानकारी देते हुए बताया कि इस समय पूरा पंजाब बिजली आपूर्ति के गंभीर संकट से गुजर रहा है। पंजाब के सभी वर्ग जिनमें किसान इंडस्ट्री, दुकानदार , व्यापारी तथा घरेलु खपतकार शामिल हैं , बड़े बड़े बिजली कटों के कारण बहुत ज्यादा परेशानी का सामना कर रहे हैं।
डॉ. चीमा ने कहा कि पहले पांच साल कांग्रेस पार्टी की बुरी तथा लोक विरोधी नीतियों के कारण राज्य को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ा। राज्य की बढ़ती खपत संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करन के लिए 5 सालों के राज में कांग्रेस ने एक भी यूनिट बिजली पैदा करने का प्रयास नही किया जबकि सप्लाई की मांग 5 सालों में बहुत बढ़ चुकी है। उन्होने कहा कि मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार के कुप्रबंधन तथा घटिया प्रदर्शन के कारण बिजली संकट ज्यादा गंभीर हो चुका है। उन्होने राज्यपाल से अपील की है कि धान उगाने के सीजन को देखते हुए तथा बाकी वर्गों की समस्याओं का समाधान करने के लिए पंजाब सरकार की निंदा करते हुए बिजली संकट का तुरंत हल करने की सख्त हिदायतें जारी की जाएं।
उन्होने बताया कि गेंहू का झाड़ कम निकलने पर किसानों को मुआवजा देने की मांग करते हएु पार्टी ने कहा कि राज्य में गेंहू के झाड़ में बड़ी कमी आई है , जिसके कारण उन्हे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। यह प्राकृतिक मार है तथा इसमें किसानों की सहायता करना सरकार का नैतिक कर्तव्य बनता है। उन्होने कहा कि हैरानी है कि अभी तक पंजाब सरकार द्वारा इसे अभी तक प्राकृतिक आपदा घोषित नही किया गया तथा न ही किसानों को मुआवजे के केस बनाकर केंद्र सरकार के पास भेजा गया। यह राज्य सरकार की घोर लापरवाही है , जिसका खामियाजा पंजाब भर के किसानों को झलना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि पंजाब के सभी पीड़ित किसानों को 500 रूपये प्रति क्विंटल मुआवजा तुरंत मिलना चाहिए।
डॉ. चीमा ने बताया कि अमन तथा कानून की व्यवस्था के बारे राज्यपाल के ध्यान में लाया गया है कि जिस दिन से राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है उस दिन से आज तक राज्य में अमन तथा कानून की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। हर रोज कत्ल, लूट, डाके लगातार बढ़ रहे हैं। पर राज्य सरकार कंट्रोल करने में बेबस नजर आ रही है। प्रतिदिन नशों तथा हथियारों का आना राज्य के अमन-कानून के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी बजा रहा है। पर राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने की जगह गैर-संवैधानिक तथा गैर कानूनी तरीके अपना कर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बदलाखोरी कार्रवाईयां करने में व्यस्त है। उन्होने अपील की कि राज्य सरकार को अमन तथा कानून का राज राज्य में कायम करने के लिए फटकार लगाई जानी चाहिए तथा पंजाब के गृहमंत्री से अमन तथा कानून की स्थिति उपर रिर्पोट मांगी जानी चाहिए। अकाली नेता ने कहा कि पार्टी ने पेट्रोल, डीजल तथा घरेलू गैस की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए मांग की है राज्य सरकार तुरंत अपने टैक्सों में बड़ी कटौती करे तथा साथ ही केंद्र सरकार को भी अपने टैक्स कम करने के लिए दबाव डाले ताकि लोगों को सुख का सांस आए।
प्ंाजाब द्वारा दिल्ली राज्य की सरकार के साथ किए गैर कानून तथा अंसवैधानिक समझौते की बात करते हुए पार्टी ने मांग की कि इस समझौते के कारण पंजाबी बेहद चिंतित तथा मायुस हैं। लोग ऐसा महसूस कर रहे हैं कि जहां यह समझौता गैर कानूनी तथा गैर संवैधानिक है वही यह पंजाबियों के स्वाभिमान को भारी ठेस पहुंचाता है।
डॉ. चीमा ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने हमेशा राज्य के अधिकारों के लिए बहुत बड़े संघर्ष किए हैं तथा बहुत ज्यादा कुर्बानियां दी है तथा हमेशा राज्य को ज्यादा अधिकार देने की वकालत की हैं।
उन्होने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि एक राज्य की सरकार ने पंजाब की चुनी हुई सरकार के हाथों आजाद तथा निष्पक्ष फैसले लेने की ताकत को छीनकर अप्रत्यक्ष तौर पर कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया तथा जिसे कभी भी सहन नही किया जा सकता है। इस समझौते के तहत पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने हाथ काटकर अपने पार्टी सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल के हाथों में दे दिए हैं। इस समझौते के तहत अब श्री अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देशों तथा गैर संवैधानिक तरीके से खुलकर पंजाब के सभी विभागों की कार्यशैली में सीधा हस्तक्षेप दिया जा सकेगा। यहा ंतक कि पंजाब के मंत्रियों तथा अफसरशाही को दिल्ली बुलाने दिल्ली के मंत्रियों तथा अफसरों को पंजाब के विभिन्न विभागों में आने जाने की खुली छूट दे दी गई है। उन्होने कहा कि इससे राज्य के मुख्यमंत्री तथा मंत्री साहिबान द्वारा संविधान की शपथ जिसके अनुसार संविधान के दायरे में रहते हुए मुख्यमंत्री तथा मंत्री साहिबान द्वारा सभी सरकार भेद गुप्त रखे जाते हैं , का घोर उल्लंघन होगा।
उन्होने कहा कि अकाली दल ने मांग की है कि पंजाब के लोगों की भावनाओं तथा उनके हकों पर पड़ रहे डाके को रोकने के लिए बतौर राज्यपाल इस समझौते को तुरंत रदद करें तथा आगे से राज्य की सरकार को ऐसे काम न करने के लिए सख्ती से फटकार लगाएं।
डॉ. चीमा ने यह भी कहा कि हमने मांगपत्रों द्वारा सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने लोेगों के मसलों का समाधान न किया तो फिर अगली रणनीति बनाई जाएगी।

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