सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने गर्वनर से बलकार सिंह को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के अलावा मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच का आग्रह किया
राज्यपाल से आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपी सभी मंत्रियों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने का आग्रह किया
चंडीगढ़/24जनवरी 2024
शिरोमणी अकाली दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह का एक आपत्तिजनक वीडियो सौंपकर तत्काल बर्खास्तगी की मांग के अलावा केंद्रीय एजेंसी से इसकी जांच का आग्रह किया है। इसने गर्वनर से राज्य मंत्रिमंडल से मंत्री की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपी अन्य सभी आप मंत्रियों को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने का भी आग्रह किया है।
इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेताओं सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने राज्यपाल को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान मंत्री का समर्थन कर रहे हैं और इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए उन पर भरोसा नही किया जा सकता है। इसने राज्यपाल को यह भी बताया कि पीड़ितों को डराया-धमकाया गया जिसके कारण वह मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए आगे नही आई है। प्रतिनिधिमंडल ने गर्वनर से कहा, ‘‘ मंत्री की बर्खास्तगी के साथ मामले की स्वतंत्र जांच से ही इस मामले की सच्चाई बाहर आ सकेगी’’।
अकाली नेताओं ने गर्वनर को यह भी बताया कि हाल ही में आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक अमरजीत संदोआ के कनाडा से निर्वासन को रोकने के लिए पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त किया गया था। उन्होने कहा कि संदोआ, जो आप नेता हिम्मत सिंह शेरगिल की शादी में शामिल होने गए थे को उनके खिलाफ यौन शोषण की शिकायत के कारण कनाडाई अधिकारियों से पूछताछ के लिए रोक दिया गया था। उन्होने कहा कि विधानसभा स्पीकर कुलतार संधवां ने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने और संदोआ को कनाडा में जाने की सुविधा प्रदान करने में मदद की, जिससे दुनिया भर में पंजाब और इसके मूल्यों के बारे गलत संदेश गया है। नेताओं ने राज्यपाल से मामले में कार्रवाई का आग्रह करते हुए कहा कि संदोआ को जारी किया गया पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र वापिस लिया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
सरदार मजीठिया और डाॅ. चीमा ने गर्वनर से मंत्रियों लाल चंद कटारूचक और अमन अरोड़ा को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने का भी आग्रह किया। उन्होने कहा कि कटारूचक पर अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप था और भले ही राज्य पुलिस ने मुख्यमंत्री के कहने पर मामले को दबा दिया था, लेकिन ऐसे जघन्य अपराध के किसी भी आरोपी को राज्य के कार्यक्रम से दूर रखा जाना चाहिए, जहां मुख्य अतिथियों को रोल माॅडल के रूप में देखा जाता है। उन्होने कहा कि अमन अरोड़ा को दो साल की सजा सुनाई गई है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार उसे तुरंत पद से हटा दिया जाना चाहिए और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नही दी जानी चाहिए।
गर्वनर से मीटिंग के बाद बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरदार मजीठिया ने बलकार सिंह के बारे में बोलते हुए कहा कि उन्होने तीन महीने पहले मुख्यमंत्री को सूचित किया था कि उनके पास मंत्री का एक आपत्तिजनक वीडियो है और वह इसे उन्हे सौंपना चाहते हैं। उन्होने हा ‘‘ मैंने एक लाइव प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री आवास से भी संपर्क किया और मुझे बताया गया कि मुझे मुख्यमंत्री से जोड़ा जाएगा लेकिन ऐसा नही हुआ’’। उन्होने कहा कि इसके बाद बलकार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय,‘‘ मेरे खिलाफ बदलाखोरी की कार्रवाई शुरू की गई और जब वह सफल नही हुए तो मुझे कहा गया कि आरोपी अपने कृत्य के लिए माफी मांगेंगा’’।
यह कहते हुए कि वह लोगों के हित में काम कर रहे हैं ,सरदार मजीठिया ने कहा,‘‘ यह नैतिकता का मुददा है। ऐसा जघन्य कृत्य करने के बाद आरोपी छूट नही सकता है। इससे पहले कटारूचक के खिलाफ अप्राकृतिक यौनाचार मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने यह कहकर मंत्री को क्लीन चिट दे दी थी कि शिकायत वापिस ले ली गई है। वे अब भी वही रणनीति अपना सकते हैं और इसीलिए हमने राज्यपाल से पूरी घटना की स्वंतत्र जांच का आदेश देने का आग्रह किया है। उन्होने यह भी खुलासा किया कि कैसे बलकार सिंह ने अपने बेटे के लिए इंस्पेक्टर की नौकरी हासिल करने के लिए खुद को विकलंाग दिखाया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे ऐसा करने से रोक दिया था।

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