
कहा कि लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए किसी भी जांच को बहाने के रूप में इस्तेमाल नही किया जाना चाहिए: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
अमृतसर 18 अप्रैल 2022
शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब द्वारा तीन करोड़ रूपये के कर्ज की जांच के आदेश देने के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के फैसले का स्वागत किया , तथा कहा कि जांच का इस्तेमाल राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने से ध्यान हटाने के लिए नही किया जाना चाहिए। अकाली दल ने पिछले एक महीने में आप पार्टी की सरकार द्वारा कार्यालय से जारी किए सभी विज्ञापनों की जांच की भी मांग की।
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वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा, ‘‘ हम सभी राज्यों द्वारा जमा किए 3 लाख करोड़ रूपये के कर्ज की स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच के पक्ष में हैं, लेकिन इस जांच को लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में देरी करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल नही किया जाना चाहिए’’।
अकाली नेता ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने लोगों से किए गए वादों से मुकरने के लिए खाली खजाने को बहाना बनाया था। ‘‘ राज्य की बागडोर संभालने से पहले राज्य की वित्तीय स्थिति की वास्तविकता जानने के बावजूद , मुख्यमंत्री अब इस स्थिति के पीछे के कारणों की जांच का बहाना बना रहे हैं। अकाली दल का मानना है कि जांच को राज्य में सभी महिलाओें को 1000 रूपये वितरित करने के सरकार के वादे को पूरा करने के बीच में नही लाया जाना चाहिए, इसके अलावा सभी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त सुनिश्चित की जानी चाहिए।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पिछले एक महीने के कार्यकाल के दौरान राज्य द्वारा जारी किए गए सभी विज्ञापनों की जांच के आदेश भी देने चाहिए। ‘‘ रिपोर्टों के अनुसार, करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल देश भर में आम आदमी पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए किया जा रहा है। आप पार्टी की सरकार द्वारा दक्षिण भारत और यहां तक कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में अपनी कथित उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञापन जारी किए जा रहे हैैं। इस उददेश्य के लिए करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं , जिससे पंजाब यां पंजाबियों को किसी तरह से कोई फायदा नही हो रहा है’’।
डॉ. चीमा ने इसे एक घोटाला करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को जांच एजेंसी से यह पता लगाना चाहिए कि क्या इन विज्ञापनों को लगाने के लिए कोई रिश्वत ली गई है। ‘‘ जिस प्राधिकरण ने इन विज्ञापनों को जारी करने के आदेश दिया, उसका खुलासा किया जाना चाहिए।यह भी खुलासा किया जाना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री ने इन विज्ञापनों को जारी करने के आदेश दिया था यां इसके आदेश दिल्ली के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिए थे, जिसके कारण पंजाब सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों के प्रचार की कीमत सहने के लिए मजबूर किया गया’’।

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