पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से रोस्टर नुक्तों सम्बन्धी 10-10-2014 को जारी विवादित पत्र के अमल पर तुरंत रोक लगाने के आदेश

Chairperson of Commission Mrs Tejinder Kaur

चंडीगढ़, 27 जनवरीः
पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से आज एक आदेश जारी करके रोस्टर नुक्तों सम्बन्धी 10-10-2014 को जारी एक विवादित पत्र के अमल पर तुरंत रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती तेजिन्दर कौर ने बताया कि पंजाब विधान सभा की अनुसूचित कबीलों और पिछड़ी श्रेणियों की कल्याण कमेटी की 45वीं रिपोर्ट (2019-2020) के द्वारा यह मामला आयोग के ध्यान में आया था।
उन्होंने बताया कि इस पर आयोग की तरफ से पंजाब सरकार के परसोनल विभाग और सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के साथ कई मीटिंगें की गई और इस पत्र को जारी करने सम्बन्धी दस्तावेजों को जाँचा गया, जिससे यह सामने आया कि परसोनल विभाग की तरफ से पंजाब सरकार के एलोकेशन ऑफ बिजनस रूल्ज 2007 के द्वारा तय किये गए अलग-अलग विभागों के अधिकार क्षेत्रीय का उल्लंघन करते अपने स्तर पर ही यह पत्र जारी किया गया था।
श्रीमती तेजिन्दर कौर ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एम. नागराज बनाम भारत सरकार फैसले की कम्पैलिंग रीजनज की शर्तों पर आधारित और साल 2018 में मंत्री परिषद और विधान सभा की मंजूरी से कम्पैलिंग रीजनज की शर्तों की पूर्ति हो जाने के उपरांत 85वें संशोधन सम्बन्धी तारीख 15-12-2005 ( जो सरकार की तरफ से कभी भी वापिस नहीं ली गई) कानूनी तौर पर पूरी तरह वैलिड हो चुकी हैं और समूह विभागों में इन हिदायतों की पालना करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विवादित पत्र के कारण कई विभागों में अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों के कानूनी हकों का नुकसान हुआ है।