हरियाणा पुलिस ने ‘फोन-पे’ ऐप के माध्यम से की गई लगभग 1.50 लाख रुपये की जालसाजी के सिलसिले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

Scammers involved in Rs 1.5 lakh fraud through digital wallet platform “PhonePe” app arrested

हरियाणा पुलिस ने ‘फोन-पे’ ऐप के माध्यम से की गई लगभग 1.50 लाख रुपये की जालसाजी के सिलसिले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

चंडीगढ, 19 अप्रैल- हरियाणा पुलिस ने पेट्रोल पंप संचालकों के साथ डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म ‘फोन-पे’ ऐप के माध्यम से की गई लगभग 1.50 लाख रुपये की जालसाजी को सफलतापूर्वक सुलझाते हुए इस सिलसिले में दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

        हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि पकडे गए आरोपियों की पहचान फोन-पे कंपनी के कर्मचारी मोहड़ी जिला करनाल निवासी सुशील कुमार तथा सांकरा जिला कैथल निवासी विशाल के रूप में हुई है। आरोपियों से 5000 रुपये की नगदी, 2 मोबाइल फोन व एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है।

         पुलिस को इस संबंध में कैथल के पेट्रोल पंप संचालक द्वारा मिली शिकायत पर जांच में पता चला कि पंप से तेल तो डलवाया गया लेकिन फोन-पे के माध्यम से किया गया भुगतान पंप मालिक के खाते में नहीं पहुंचा। जालसाजों ने 5 फ्रॉड ट्रांजैक्शन के द्वारा 15000 से अधिक रुपये अपने ही खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे।

         आरोपी सुशील फोन-पे कंपनी में कार्यरत है जो कैथल, करनाल व कुरुक्षेत्र जिलों में इच्छुक पेट्रोल पंपों पर फोन-पे क्यूआर कोड लगाने का कार्य करता है। पूछताछ में सुशील ने कबूल किया कि पैट्रोल पंपो पर क्यू आर कोड लगाते समय बैंक अकांउट व मोबाइल नंबर की डिटेल के अतिरिक्त फोन-पे कर्मचारी होने का फायदा उठाते हुए पंप के सेल्समैन को विश्वास में लेकर उनसे ओटीपी हासिल कर लेता था। आरोपियों ने बताया कि अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2021 तक करीब 25 बोगस ट्रांजेक्शन दौरान लगभग 1.50 लाख रुपये जालसाजी करके हड़प चुके हैं ।

            आरोपी सुशील ने अपनी आटा चक्की के नाम पर एक फोन-पे बिजनैस का खाता खोलकर अपने दो क्यूआर कोड लिए हुए थे। जालसाज पैट्रोल पंप पर जाकर अपने वाहन में तेल डलवाने उपरांत वहां के डिजिटल पेमैंट क्यूआर कोड को स्कैन करने का ढ़ोग रचते हुए अपने फोन में सेव किए गये आटा चक्की के क्यूआर कोड की मार्फत डिजिटल पेमैंट कर देते थे, जिनके साथ पंप पर फोन-पे लगाने उपरांत जालसाजी पूर्वक हासिल किए गये ओटीपी के द्वारा अटैच किए गये पंप प्रबंधक व सेल्समैन के फोन पर पेमैंट हासिल करने का एस.एम.एस. आ जाता, परंतु असल में वह राशि आरोपी सुशील के खाते में ही जमा होती थी।

           पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि कई बार आरोपी सेल्समैन से अपने पास कैश ना होने का अनुरोध करके अपनी बाइक में डलवाए गये तेल मूल्य के अलावा 5000-10000 रुपये की अतिरिक्त पेमेंट फोन-पे के माध्यम से बोगस ट्रांजेक्शन कर देते। जिसके तुरंत बाद सेल्समैन व फिलिंग स्टेशन के पास पहुंचे एसएमएस की मार्फत पुष्टि होने उपरांत सेल्समैन से शेष नकदी वापिस हासिल करके भी पंपों को चूना लगा रहे थे।

         पुलिस ने पेट्रोल पंप संचालकों सहित अन्य नागरिकों से आग्रह किया कि डिजिटल ट्रांजैक्शन करते समय सजगता का परिचय दें। किसी भी मामले में अपने मोबाइल फोन पर आए ओटीपी को किसी के साथ कभी भी शेयर ना करें। जागरूकता का परिचय देकर इस प्रकार के जालसाजों से आसानी से बचा जा सकता है।