
Chandigarh, January 8, 2024
मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय, चंडीगढ़ में 7 दिवसीय-रात्रि एनएसएस शिविर का चौथा व पाँचवा दिन गतिविधियों से परिपूर्ण रहा। व्यायाम सत्र के साथ चौथे दिन का शुभारंभ हुआ, जिसके बाद ‘ट्रेडिशनल वर्सेज़ वोकेशनल एजुकेशन’ और ‘एआई: बून और बैन’ पर एक ज्ञानवर्धक समूह चर्चा हुई। अगला सत्र कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. अनुभूति शर्मा, द्वारा ‘प्रिवेंटिव हेल्थकेयर : साइकोलॉजिकल वेल बीइंग’ पर आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्देश्य इंटरनेट की लत की बारीकियों और खतरों को उजागर करना था, जिसमें उन तरीकों को सूक्ष्मता से दर्शाया गया जिसके कारण अत्यधिक डिजिटल जुड़ाव किसी के वास्तविकता और कल्याण को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद, आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से आत्मरक्षा तकनीकें सीखीं। दिन का अंतिम सत्र कॉलेज में सहायक प्रोफेसर (एमएफटी) डॉ. संदीप कौर द्वारा ‘सोशल एंटरप्रेन्योरशिप’ विषय पर केंद्रित रहा। उन्होंने सामाजिक उद्यमिता पर प्रकाश डाला ।
जिसमें उन्होंने बताया कि सामाजिक उद्यमिता सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और व्यावसायिक उद्देश्यों के साथ सकारात्मक प्रभाव पैदा करने की प्रतिबद्धता है। उन्होंने ऐसे कई उद्यमियों के उदाहरण दिए जिन्होंने ऐसे समाधान तैयार किए हैं जिनसे न केवल सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा किया गया बल्कि व्यक्ति और समाज को सशक्त भी बनाया गया। दिन का समापन एक टैलेंट हंट प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसमें लयबद्ध नृत्य, संगीतात्मकता, काव्य कौशल, कला और भाषण कौशल के रचनात्मकता प्रदर्शन ने उत्सव का माहौल बना दिया।
पाँचवे दिन का शुभारंभ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग में स्वर्ण पदक विजेता सुश्री केशम मोनारिटा द्वारा योग पर सत्र के साथ हुई। उन्होंने सचेतना और ऊर्जा बढ़ाने व सकारात्मक मानसिकता बनाने के लिए सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया। इसके बाद भुजंग आसन, मकर आसन, कपालभाती और भ्रामरी प्राणायाम का प्रदर्शन व अभ्यास किया गया।अगला इंटरैक्टिव सत्र कॉलेज में हिंदी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनीता कुमारी द्वारा ‘कहानी द्वारा तनाव प्रबंधन’ विषय पर आयोजित किया गया। उन्होंने कहानी कहने की रचनात्मक कला के माध्यम से तनाव विश्लेषण के लिए अनुकूल माहौल बनाया और कहानियों के माध्यम से सार्वभौमिक ज्ञान प्राप्त करने के विषय में अंतर्दृष्टि प्रदान की। इस सत्र के बाद, चंडीगढ़ पुलिस विभाग द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण में शारीरिक तकनीकों के साथ अनुशासन, सम्मान और दृढ़ता जैसे मूल्यवान जीवन कौशल भी सिखाए गए । दिन का अंतिम सत्र सेंट जॉन एम्बुलेंस (भारत), इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी में प्रशिक्षण पर्यवेक्षक, श्री सुशील कुमार टंक द्वारा ‘प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण’ पर ज्ञानवर्धक चर्चा पर हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को चोटों का तुरंत आकलन और समाधान करने के बारे में बताया, जिससे मामूली समस्याओं को गंभीर स्थिति में बदलने से रोकने में मदद मिल सके। दिन का समापन खाना बनाने की प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसने प्रतिभागियों को न केवल स्वादिष्ट बल्कि पौष्टिक शक्तिशाली भोजन बनाने के लिए अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया गया । इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने नवीन व्यंजन प्रस्तुत किए जो एनीमिया निवारक, थायराइड में सुधार के लिए और वजन प्रबंधन में सहायक थे।
कॉलेज प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने छात्राओं के समग्र विकास को बढ़ावा देने और उनमें जिम्मेदार नागरिक बनने के मूल्यों को स्थापित करते हुए राष्ट्र निर्माण और सामाजिक उत्थान के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने के लिए एनएसएस इकाइयों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि सप्ताह भर चलने वाले शिविर में संपूर्ण विकास को ध्यान में रख कर तैयार की गई गतिविधियों का एक अच्छा मिश्रण है जो छात्राओं की जन्मजात शक्ति को बाहर आने का मंच प्रदान करता हैं । इसके साथ ही उनमें व्यावहारिक कौशल, आत्मविश्वास, नवाचार और सहयोग का विकास कर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करता है।

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