सिंगला और अरोड़ा ने लोगों की तरफ से चुनी सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिए संवैधानिक पदों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा की की निंदा

Punjab School Education Minister Mr. Vijay Inder Singla

कालिया को याद दिलाया कि अधिकारी केवल चुने गए प्रमुखों के प्रति जवाबदेह होते हैं
चंडीगढ़, 4 जनवरीः
पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों और सीनियर कांग्रेसी नेताओं श्री विजय इंदर सिंगला और सुंदर शाम अरोड़ा ने आज राज्य में लोकतंत्र के द्वारा चुनी हुई सरकार को कमजोर करने के लिए संवैधानिक पदों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा की निंदा की।
आज यहां से जारी एक बयान के द्वारा दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि यह बहुत मन्दभागी बात है कि पहले भी पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में राज्यपालों ने लोकतंत्र के द्वारा चुनी हुयी सरकारों का गला घोटने के के भद्दे यत्न किये हैं। अब इसी तरह पंजाब का राज्यपाल भी भाजपा समर्थकी होकर काम कर रहा लगता है। सिंगला और अरोड़ा ने कहा कि पंजाब की भाजपा लीडरशिप की तरफ से कैप्टन सरकार को धमकी देने जैसे अपवित्र इरादों और भद्दी चालों के आगे कभी घुटने नहीं टेकेंगे बल्कि भाजपा को मौका आने पर सबक सिखाएँगे।
बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदारना बयानबाजी करने के लिए पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया पर बरसते हुये मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता न कभी फौज में रहे हैं और न ही अपने स्कूल के दिनों के दौरान कभी भी एन.सी.सी. में नहीं गए जिस कारण वह इस बात से पूरी तरह अनजान हैं कि कोई जनरल या कमांडर केवल अपने अधीन काम कर रहे अधिकारियों को ही तलब कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के मुख्यमंत्री अफसरों को अपने अधिकारी कह रहे हैं तो इसमें कोई अतिकथनी नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री खुद फौज की पृष्टभूमि से संबंध रखते हैं और उनको यह कहने का पूरा हक है कि क्योंकि राज्य के अधिकारी उनको प्रत्यक्ष तौर पर जवाबदेह हैं। सिंगला और अरोड़ा ने पूर्व मंत्री को याद दिलाया कि राज्यपाल केवल एक कानूनी पद होता है जबकि वास्तविक शक्तियां लोकतंत्रीय ढंग से चुनी गई कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के हाथों में हैं।
पूर्व मंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुये कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि राज्यपाल को खुश करने के लिए भाजपा नेता लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को अनदेखा कर रहे हैं जो लोगों की तरफ से, लोगों की और लोगों के लिए चुनी गई सरकार की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जो भाजपा के प्रदेश प्रमुख भी रहे हैं, को याद रखना चाहिए कि अधिकारी लोकतंत्रीय ढंग से चुनी गई सरकार के प्रति जवाबदेह होते हैं न कि किसी रबड़ की मोहर के। कैबिनेट मंत्रियों ने भाजपा नेताओं को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने ऐसे तमाशे बंद न किये तो उनको गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
मंत्रियों ने आगे कहा कि कृषि सैक्टर को बचाने के लिए काले खेती कानूनों के दुष्प्रभावों के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब विधान सभा में बिल पास किया परन्तु यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि राज्यपाल ने उनको अपनी सहमति नहीं दी और इस तरह लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों की तरफ से लोगों की आवाज को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया। कांग्रेस नेताओं ने सवाल किया कि पंजाब के भाजपा नेताओं ने इन काले कानूनों के विरुद्ध आवाज उठाने की जगह चुप रहने को प्राथमिकता दी। अब इन लोगों के पास राज्यपाल के पक्ष में आने का कोई हक नहीं है। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि आपको जवाब देना पड़ेगा कि दो बार मंत्री बनने के बावजूद भी आपने किसानी भाईचारे के कल्याण के लिए क्या किया?
मनोरंजन कालिया पर बरसते हुये मंत्रियों ने कहा कि संविधान ने राज्यपाल की जिम्मेदारियां तय की हैं परन्तु पंजाब के भाजपा नेता पश्चिमी बंगाल की तर्ज पर अपनी मन-मर्जी के अनुसार राज्यपाल के पद का प्रयोग करने पर अड़े हुए हैं।